आदत | Aadat Kavita
आदत ( Aadat ) मीठा मीठा बोल कर घट तुला तोलकर वाणी मधुरता घोल फिर मुख खोलिए प्रतिभा छिपाना मत पर घर जाना मत सत्कार मेहमानों का हो आदत डालिए प्रातः काल वंदन हो शुभ अभिनंदन हो सेवा कर्म जीवन में आदत बनाइए रूठे को मना लो आज करना है शुभ…