Rajasthani Kavita

हौसलों काळजिया म | Rajasthani Kavita

हौसलों काळजिया म हौसलों काळजै भर कै धीरज मनड़ा मै धर कै मोरचा मै उतरणो है सुरमां रणयोद्धा बण कै   दण्ड बैठक कसरत योग सारो बचावै है भौतिकवाद घणों बेगो मुश्किलां लाख ल्यावै है   कहर कुदरत को बरस्यो दवा कुदरत ही देसी ठगोरा जगां जगां बैठ्या जीवन री पूंजी ठग लेसी   मौत…

बुरा दौर आने वाला है

बुरा दौर आने वाला है | Kavita

बुरा दौर आने वाला है ( Bura daur aane wala hai )   झोंपड़ियों में सुलगती इस आग से, नेताओं का महल रोशन होने वाला है; लाशों  के  ढेर  पर सियासत है चालू लगता है कहीं चुनाव होने वाला है ! अगर तुम आज भी ना बोले तो यह ज़ुल्म यूँ ही बढ़ता जाएगा; ज़ुल्म …

दीप जलाना होगा

दीप जलाना होगा | Kavita

दीप जलाना होगा ( Deep jalana hoga )   बुलंद हौसला बनाना होगा तूफान  से  टकराना  होगा मास्क जरूरी मुंह पर रखना जन-जन को समझाना होगा   वक्त के मारे लोग जगत में मदद को हाथ बढ़ाना होगा दुख की गाज गिरी जिन पर ढांढस  उन्हें  बंधाना  होगा   मन का भेद मिटाना होगा सेवा…

याद रहेगा

याद रहेगा | Kavita Yaad Rahega

याद रहेगा ( Yaad Rahega )   गुजर जायेगा ये वक्त मगर,याद रहेगा। कहर ढाहती वबा का असर,याद रहेगा। आलम  ये बेबसी का, यह मौत का मंजर, सितम गर बना है सारा शहर,याद रहेगा। अपना है दोष या के,साहब की ग़लतियां। संसार  को  सब  कोर कसर,याद रहेगा। लुका-छिपी का मौत से है खेल तभी तक,…

पथिक प्रेमी

पथिक प्रेमी | Kavita

पथिक प्रेमी ( Pathik Premi )   हे पथिक मंजिल से भटके, ढूंढता है क्या बता। क्यों दिखे व्याकुलता तुझमें, पूछ मंजिल का पता। यू ही भटकेगा तो फिर सें, रस्ता ना मिल पाएगा, त्याग संसय की घटा अरू, पूछ मंजिल का पता।   जितना ही घबराएगा तू, उतना ही पछताएगा। वक्त पे ना पहुचा…

आओ मिलकर प्यार लिखें

आओ मिलकर प्यार लिखें | Geet

आओ मिलकर प्यार लिखें ( Aao milkar pyar likhen )   प्रेम और सद्भावों की मधुर मधुर बयार लिखे खुशियों भरा महकता सुंदर सा संसार लिखे मधुर गीतों की लड़ियां गा गुल गुलशन गुलजार लिखें अपनापन अनमोल जग में आओ मिलकर प्यार लिखें   जहां नेह की बहती धारा पावन गंगा की धार लिखें जहां…

नीली छतरी वाला

नीली छतरी वाला | Kavita Neeli Chatri Wala

नीली छतरी वाला ( Neeli chatri wala )   नीली छतरी वाला बैठा, अपनी डोर हिलाता। कभी हिलोरे लेती नदिया, हिमखंड बहाता।   गर्म हवा जोरों से चलती, आंधी तूफान चलाता। गड़ गड़ करते मेघ गरजते, सावन में बरसाता।   मधुमास प्यारा लगे, सबके मन को भाता। जगतपति रक्षा करो हे नाथ जीवनदाता   पीर…

लीलाधारी श्रीकृष्ण

लीलाधारी श्रीकृष्ण | Kavita

लीलाधारी श्रीकृष्ण ( Liladhari Shreekrishna )   लीलाधारी श्री कृष्ण लीला अपरंपार आकर संकट दूर करो प्रभु हे जग के करतार लीलाधारी श्री कृष्ण चक्र सुदर्शन धारी हो माता यशोदा के गोपाला गोपियों के गिरधारी हो हे केशव माधव दामोदर सखा सुदामा सुखदाता हे अगम अगोचर अविनाशी जग कर्ता विश्व विधाता कोई तुमको छलिया कहता…

कोरोना पर दोहे

कोरोना पर दोहे | Corona par dohe

कोरोना पर दोहे ( Corona par dohe )   समय चक्र का खेल नया, कोरोना  की  चाल। अर्थव्यवस्था चौपट हुई, जनजीवन  बदहाल ।   सारे घर में बंद हुए, लक्ष्मण रेखा भीतर । सामाजिक दूरियां ही, कोरोना का उत्तर।।   लॉक डाउन का पालन, सारे मिलकर करें। जान सबको प्यारी है, सभी मिल परवाह करें…

भोर की किरण

भोर की किरण | Kavita

भोर की किरण ( Bhor ki kiran )   भोर की पहली किरण उर चेतना का भाव है उषा का उजाला जग में रवि तेज का प्रभाव है   आशाओं की जोत जगाती अंधकार हरती जग का जीने की राह दिखाकर उजियारा करती मन का   कर्मवीरों की प्रेरणा हौसलों की उड़ान है योद्धाओं की…