रहनुमा

रहनुमा | मार्गदर्शक | Kavita

रहनुमा ( मार्गदर्शक ) ( Rahnuma )   रहनुमा कोई मिल जाए राह मेरी आसां हो जाए मेरी मंजिल का ठिकाना मुझको भी नसीब हो जाए   मार्गदर्शक बता दे रस्ता कोई खता न मुझसे हो जाए भटक  रहा  हूं  बियावान में हाथ पकड़ कोई राह दिखाये   अंधकार का अंत नहीं है रहनुमा का…

भटकता मन

भटकता मन | Kavita

भटकता मन ( Bhatakta man )   भटकते मन में मेरे आज भी, कुछ आस जिन्दा है। भरा  है  चाहतों  से  शेर मन पर, प्यास जिन्दा है।   उसी  को  टूट  कर चाहा, खुदी को ही भुला करके, अधुरी चाहतों का अब भी कुछ,एहसास जिन्दा है।   किसी को चाहना और वो मिले, ये सच…

हारना हमको नहीं गवारा

हारना हमको नहीं गवारा | Kavita Harna Humko Nahi

हारना हमको नहीं गवारा ( Harna Humko Nahi Gavara )   जोश जज्बा रखकर चलते हैं तूफानों   में   हम   पलते  हैं हिम्मत बदले विपरीत धारा हारना  नहीं  हमको  गवारा   संस्कार कुछ ऐसे पाये हैं लक्ष्य  साधने  हम आए हैं अटल इरादे मानस हमारा हारना नहीं हमको गवारा   तूफानों से भीड़ सकते हैं आंधियों …

नज़रों का सच

नज़रों का सच | Kavita

नज़रों का सच ( Nazron Ka Sach )   देखती  है  जो  नज़रे वो होता नहीं, चाहती है जो नज़रे वो दिखता नहीं। मन को छू जाए जज़्बात होंठो पे हो, आसूं बनके बहे मानता मन नहीं ।।   भीड़  को  देखा  राहों  पे बढ़ते हुए, दे  के  धक्का  बगल  में संभलते हुए। आंख  में …

जय श्रीराम

जय श्रीराम | Jai Shri Ram par Kavita

जय श्रीराम ( Jai Shri Ram )  ( 1 )    सदियों से श्रापित भूमि का, आज हुआ उद्धार। मन्दिर का निर्माण हुआ जहाँ,राम ने लिया अवतार। धन धन भाग्य हमारे नयना, तृप्त हो गये आज, अवधपुरी मे सज रहा फिर से,भव्य राम दरबार। पुलकित है हर हिन्दू का मन, छलकत नयन हमार। बाँधन चाहत…

अनुत्तरित प्रश्न

अनुत्तरित प्रश्न | Kavita

अनुत्तरित प्रश्न ( Anuttarit Prashna )   रास्ते से गुजरते हुए एक प्राकृतिक आॅक्सीजन टैंकर ने देख मुझे रोका हाल मुझसे मेरा पूछा। दोस्त क्या हाल है? कुछ देख रहे हो? समझ रहे हो इन दो टके के कृत्रिम आक्सीजन सिलिंडरों की कीमत जरा सा कोरोना प्रेशर क्या पड़ा अपनी औकात दिखा रहे हैं? बनाने…

घातक होता कोरोना का प्रहार

घातक होता कोरोना का प्रहार | Kavita Ghatak hota Corona

घातक होता कोरोना का प्रहार ( Ghatak hota corona ka prahar )   घातक होता जा रहा अब कोरोना का प्रहार देखा नहीं जा रहा अब प्रकृति का नरसंहार। कसम से! माता-पिता की बाहों में प्राण तज रहे हैं लाल कुछ ऐसा ही है देश भर का हाल? अस्पतालों में दवाई नहीं आक्सीजन की सप्लाई…

मुर्दे की अभिलाषा

मुर्दे की अभिलाषा | Kavita Murde ki Abhilasha

मुर्दे की अभिलाषा ( Murde Ki Abhilasha )   लगी ढ़ेर है लाशों की टूट चुकी उन सांसों की लगी है लंबी कतार, बारी अपनी कब आएगी? कब खत्म होगा इंतजार? जीवन भर तो लगे ही लाईन में, अब लगे हैं श्मशान में। हे ईश्वर! मानव जीवन कितना कष्टमय है? जीवन तो जीवन मृत्यु पर…

रामनवमी

रामनवमी | Kavita

रामनवमी ( Ram Navami )   ( 2 ) हाथी घोड़े ऊंट सज रहे रामनाम की जय जयकार रामनवमी पर्व सनातन खुशियों भरा आया त्योहार केशरिया ध्वज लहराये गूंज रहा है नारा श्रीराम हर हर महादेव स्वर गूंजे रामनाम बस राम ही राम झूम रहे हैं राम राम में राम सिवा नहीं कोई काम नगर…

श्रीराम नाम-वंदना

श्रीराम नाम-वंदना | Kavita

श्रीराम नाम-वंदना ( Shri Ram Naam Vandana )   राम-नाम आनंद सुख मूल। परमशांति साधक पा जाए जपत मिटे जीवन-पथ शूल।।   घायल जटायु जपते-जपते पा गए मुनि दुर्लभ हरि धाम। पश्चाताप में जलते भरत को इसी नाम से मिला विश्राम।।   जी रही थी इसी सहारे राम मिलन को शबरी गंवार। नाम-मग्न सुतिक्ष्ण को…