कितनी मुसीबत | Kitni Musibat
कितनी मुसीबत ( Kitni Musibat ) यारों कितनी मुसीबत होती है इक जाॅ को मेरी जाॅ कहने मे, जब हो जाती है उनसे मोहब्बत उनको मोहब्बत कहने मे, हम वादा तो अक्सर करते नही पर अवसर बन ये आ जाते है, बन जाते है ये जी के जंजाल औल टूटें तो जी घबराते है, फिर…