राम वनवास | Ram Vanvas

राम वनवास ( Ram Vanvas )   राम वनवास नेपथ्य में,उर्मिला उत्सर्गी श्रृंगार दांपत्य जीवन अभिलाष, हर पल हर कदम संग संग । आरोह अवरोह भाव पथ, आत्मसात परस्पर रंग कंग...

यादें | Yaadein

यादें ( Yaadein )   कीमती होती है ,पुरानी खूबसूरत यादें, खुशी से आँखें नम हो जाती है । आज के दर्द को, कुछ पल के लिए भूलने...

मदिरा में | Madira mein

मदिरा में ( Madira mein )    गिरने के हद से भी नीचे गिर जाते हैं लोग संबंधों के बीच दीवार खड़ी कर देते हैं लोग बेचकर ईमान अपना...

हे हंसवाहिनी,ऐसा वर दे | Hey Hans Vahini

हे हंसवाहिनी,ऐसा वर दे ( Hey hans vahini aisa var do )   मृदुल मधुर ह्रदय तरंग, स्वर श्रृंगार अनुपम । विमल वाणी ओज गायन, ज्योतिर्मय अन्तरतम । गुंजित कर मधुमय...

कहां तक | Kahan Tak

कहां तक ( Kahan Tak )   सिमटते गए भाव मन के घुलती रहीं मिठास में कड़वाहटें बढ़ तो गए किताबी पन्नों में आगे पनपत्ति रही मन की सुगबुगाहटें जगमगाती...

ये मन्नतों के धागे | Ye Mannaton ke Dhage

ये मन्नतों के धागे ( Ye mannaton ke dhage )    मैं बांध आई थी, एक मन्नत का धागा, मंदिर के द्वार पर। जहाँ न जाने कितनों के द्वारा मांगी गईं...

जय जय भोलेनाथ | Jai Bholenath

जय जय भोलेनाथ ( Jai Jai Bholenath )    काशी के वासी अविनाशी, भूतनाथ महादेव। नीलकंठ शिवशंकर भोले, सब देवों के देव। जय जय भोलेनाथ, जय जय भोलेनाथ त्रिनेत्र त्रिशूल...

ओज | Oj

ओज ( Oj )   बड़े हुए तो क्या हुए जब कर न सके सम्मान किसी का  समझे खुद को अधिकारी पद का  समझ ना पाए स्वाभिमान किसी काचाहे ,खुद...

श्री कृष्ण प्रेम | Shri Krishna Prem 

श्री कृष्ण प्रेम ( Shri Krishna Prem )   श्री कृष्ण प्रेम सुगंधि,श्री मद्भागवत में ********** तीन सौ पैंतीस दिव्य अध्याय, बारह प्रेरणा पुंज स्कंध । अठारह हजार श्लोक अनुपमा, शब्द आभा...

शौक | Shauk

शौक ( Shauk )   जले हैं हाथ हमारे चिरागों से आग की लपटों से खेलने का शौक नहीं उठे हैं सवाल नजरों पर भी हमारे जज्बातों से खेलने का...