चीर को तुम

चीर को तुम | Cheer ko tum

” चीर को तुम “ ( Cheer ko tum )   समझ पाते अविरल चक्षु नीर को तुम। कब तक खींचोगे हमारे चीर को तुम।।   बहुत कुछ खोया तब पाया है तुम्हे, भूखी रहकर भी खिलाया  है तुम्हे।    आज मैं हर मोड़ पे मरने लगी हूं, मेरे उदरज तुमसे ही डरने लगी हूं।…

बेबाक रघुवंश बाबू!

बेबाक रघुवंश बाबू | Raghuvansh Babu Par Kavita

बेबाक रघुवंश बाबू! ( Bebaak Raghuvansh Babu )    पंचतत्व में विलीन हुए रघुवंश बाबू, राजनीति में चलता था उनका जादू। बेबाक थे ,बेबाक रहे, जो जी में आया वही कहे। अपने देसी अंदाज के लिए जाने जाते थे, ठेठ भाषा और बोली से आकर्षित करते थे। समाजवाद के बड़े पैरोकार रहे, पांच पांच बार…

ख्वाब और हकीकत

ख्वाब और हकीकत | Poem khwab aur haqeeqat

ख्वाब और हकीकत ( Khwab aur haqeeqat )   अब ख्वाबों में नहीं  हकीकत जीता हूं यारों,        ख्वाब सूर्य पकड़ा        हकीकत जुगनू…. ख्वाब समुद्र में डुबकी लगाया हकीकत तालाब …..         अब ख्वाबों में नहीं         हकीकत जीता हूं यारों, ख्वाब  ईश्वर, पवन…

हाय री सरकार !

हाय री सरकार | Hi Ri Sarkar

हाय री सरकार ( Hi Ri Sarkar )    सड़क पर  निकल पड़ी है  नौजवानों की एक भीड़ बेतहासा बन्द मुठ्ठी, इन्कलाब जिन्दाबाद  के नारों के साथ.  सामने खड़ी है एक फौज मुकम्मल चौराहे पर  हाथ में लिए लाठी – डन्डे, आँसू गोले और  गोलियों से भरी बन्दूकें  चलाने के लिए मुरझाये चेहरे वाले  नौजवानों…

सच्चाई की ताकत

सच्चाई की ताकत | Sachai ki taqat poem

सच्चाई की ताकत ( Sachai ki taqat )  किन्तु परन्तु में न अमूल्य समय गंवाए, जो बात सही हो, खरी खरी कह जाएं। होती अद्भुत है सच्चाई की ताकत, छिपाए नहीं छिपती,है करती लज्जित होकर प्रकट। लज्जा अपमान जनक पीड़ादायक भी होती है, आजीवन पीछा नहीं छोड़ती है। लोग भूल भी जाएं- पर अपने हृदय…

देवनागरी

देवनागरी | Kavita Hindi Bhasha Par

देवनागरी ( Devanagari )   करत कलोल बोल कोयल सी अनमोल, ढोल बावन ढंग की बजावति देवनागरी।     खड्ग उठाइ शव्द भानु के जगाई तब, सबही केज्ञान सिखावति देवनागरी।।     गगन जनन मन अति हरषत जब , अवनि के स्वर्ग बनावति देवनागरी।     घनन घनन घन दुंदुभी बजावन लागे, शेष हिंदी बूंद…

संभल जा ज़रा

संभल जा ज़रा | Kavita sambhal ja zara

संभल जा ज़रा ( Sambhal ja zara ) ए-दोस्त… संभल जा ज़रा पछताएगा,रोएगा अपने किए दुष्कृत्यों पर फिर सोच सोच कर…. अभी समय है बच सकता है तो बच बचा सकता है तो बचा अपनों के अहसासों को अपनों के अरमानों को….. तुमसे ही तो सारी उम्मीदें हैं तुम ही तो पालनकर्ता हो अब तुम…

पिता होते हैं महान

पिता होते हैं महान | Pita par poem

पिता होते हैं महान ( Pita hote hain mahaan )  पिता जी आप महान, हम आपकी संतान । हम-सब के हैं अभिमान, नित्य गाएं आपका ही गुणगान। आपके कंधों पर बैठकर जाने दुनिया जहान, मिली आप ही से है पहचान; बनें हैं जो सभ्य इंसान। पिताजी आप महान…. उंगली पकड़ हमें चलना सिखाए, सारे नाज…

गुरु

गुरु | Guru par kavita in Hindi

गुरु ( Guru )    गुरु तुम दीपक मैं अंधकार , किए हैं मुझपे आप उपकार,   पड़ा है मुझपर ज्ञान प्रकाश, बना है जीवन ये उपवास,   करें नित मुझ पर बस उपकार , सजे मेरा जीवन घर द्वार,   गुरु से मिले जो  ज्ञान नूर, हो जाऊं मैं जहां में मशहूर   गुरु…

सच का आइना | Sach ka aaina

सच का आइना | Sach ka aaina

सच का आइना ( Sach ka aaina )   हिंदू, मुस्लिम तुम आपस में बैर कर महात्मा गांधी ,अब्दुल कलाम भूल गए, जाति -जाति हर धर्म ,मजहब के फूल खिले, तभी तो दुनिया महका गुलशन हिंदुस्तान है, सब फूलों को पिरो बनाए जो माला संविधान अंबेडकर भूल गए, अपनी सत्ता की गलियारों में संस्कार गरिमा…