आसमान सा बनकर देखो

आसमान | Aasman kavita

 “आसमान” ( Aasman : Hindi poem )   –> आसमान सा बनकर देखो || 1.आसमान कितना प्यारा, फैला चारो ओर है | रंग-बिरंगी छटा बटोरे, मेघों का पुरजोर है | दिन में सूरज किरण लिए, रात में चाँद-सितारे | दिन मे धूप की गर्मी रहती, रात को मोहक नजारे | –> आसमान सा बनकर देखो…

"धरा"नहीं,तो क्या"धरा"

धरा | Dhara kavita

 “धरा”  ( Dhara )     “धरा”नहीं, तो क्या”धरा” || धरती-भूमि-धरा-प्रथ्वी-हम सब का अभिमान है | बसते हैं नर-जीव-जन्तु जो, उन सब पर बरदान है | प्रथम गोद माँ की होती है, दूसरी धरती माता की | प्रथम खुरांक माँ के आँचल से, दूजी धरती माँ की | “धरा”नहीं, तो क्या”धरा” || इसी धरा पर…

सुनहरी सुबह

सुनहरी सुबह  | Kavita

    सुनहरी सुबह   ( Sunahri subah )      सुनहरी सुबह नि:स्वार्थ भाव से प्रतिदिन सुबह आती है || आँख बंद थी अभी, खोए थे मीठे सपनों में | कुछ हंसीन प्यारे पल थे, हमारे अपनों में | तभी सुनहरी धूप ने दस्तक दी, नींद टूट गई | अंगडाई ले कर उठ गए, और…

कितना सहा होगा

कितना सहा होगा | Vedna kavita

 कितना सहा होगा  ( Kitna saha hoga)   कितना सहा होगा उन गर्भवती औरतों ने सड़क पर चलते हुए दर्द नंगे पैरों ,उखड़े कदमों से भूखे पेट और उतरे चेहरे से।। कितनी पीड़ा सही होगी सड़क पर बच्चे को जन्म देते हुए न कोई बिस्तर, न कोई दवा काट कर नाल बच्चे का टपकते अंगों…

बदल गया है | Hindi mein kavita

बदल गया है | Hindi mein kavita

 बदल गया है  ( Badal gaya hai )   बदल गया है लोगों के रहने का,चलने का खाने का, पीने का उठने का,बैठने का एक-दूसरे मिलने का साथ-साथ चलने का ढंग………….।   बदल गया है लोगों के सड़क पर निकलने का सफ़र में जाने का दुकान से खरीददारी का किसी वस्तु को छूने का बाज़ार…

तेरी मोहब्बत में

तेरी मोहब्बत में | Pyar par kavita

 तेरी मोहब्बत में  ( Teri mohabbat mein )   मोहब्बत का नशा मुझे , इस कदर छाने लगा है , कि सपनों में चेहरा , उसी का आने लगा है ,, चेहरा जब भी दिखता है उसका, मन में एक लहर सी छा जाती है, उस समय जुबा खामोश होती है, पर आंखें सब कह…

2020, Only Save Life

2020, Only Save Life kavita

2020, Only Save Life     ->हाँ ये साल 2020, सिर्फ जीवन बचाने को है || 1.लाखों बेघर, करोडों रोड पर, बस घर जाने को है | कई ट्रेनों मे, कई बसों मे, कई पैदल ही आने को है |   पांव के छाले चीख रहे, मौतों से मजदूर खौंप मे है | क्या होगा मंज्जर…

?  ऐसा हो संसार जहाँ पर  ?

ऐसा हो संसार जहाँ पर | Sansar kavita

  ऐसा हो संसार जहाँ पर   आओ मिलकर करें कल्पना हम ऐसे संसार की। जहाँ भावना त्याग समर्पण प्रेम और उपकार की।। ऐसा हो संसार जहाँ पर, सब मिलकरके  रहते हो। एक-दूजे को गले लगाकर भाई -भाई कहते हो।। सोच सभी की होनी चाहिए सृष्टि के उद्धार  की। कर्म की पूजा होती हो वहाँ, मेहनत…

नन्ही चिड़िया की सीख | Chidiya poem in Hindi

नन्ही चिड़िया की सीख | Chidiya poem in Hindi

 नन्ही चिड़िया की सीख  ( Nanhi chidiya ki seekh )   नन्ही चिड़िया की सीख….|| 1. नन्ही-मुन्ही,नीली-पीली,लाल-गुलाबी,सतरंगी | चिडिया उडती डाल-डाल पर,पंख फैलाए बहुरंगी | पत्ती-पत्ती,बूटा-बूटा,सब स्वागत उसका करते हैं | नन्ही चिडिया को बैठाकर,दूर थकाबट करते हैं | नन्ही चिड़िया की सीख….|| 2. सौ बार गिरी,सौ बार उठी,पंख फैला चलना सीखा | है खुश…

वो मजदूर है

वो मजदूर है | Mazdoor kavita

 वो मजदूर है ( Wo mazdoor hai : Kavita )   अरे! वो मजदूर हैं इसीलिये तो वो मजबूर हैं उनकी मजबूरी किसी ने न जानी मीलों का सफर तय किया पीकर पानी। पांव में जूते नही छाले पड़ गए थे भारी अमीरो को तो लेने जहाज गए विदेश, उनके लिये तो बसों के भी…