Kavita Kitaben

किताबें | Kavita Kitaben

किताबें ( Kitaben )   ज्ञान का अनमोल भंडार किताबें। सदियों से सुरक्षित रखी गई किताबें। वेद, पुराण, उपनिषद, प्राचीनतम ग्रंथ हमारे। हमारी धर्म संस्कृति के वाहक। किताबों ने हम तक सुरक्षित पहुॅंचाए। फैलाया ज्ञान प्रकाश चंहुदिस।। गीता, रामायण ,महाभारत जैसे महान ग्रंथ, सदियों पहले लिखे गए थे। किताबों ने ही, हमें ज्ञान कराया इनका।…

Kavita Sankatmochan Hanuman

संकटमोचन हनुमान | Kavita Sankatmochan Hanuman

संकटमोचन हनुमान ( Sankatmochan Hanuman )   हे संकट मोचन हनुमान, तुम्हरे बिन संकट कौन हरे? तुम्हारे सिवा कोई नहीं हमारा। तू ही आकर दे दे सहारा। स्वीकार करो वंदन हमारा।। तुमने रघुनंदन के दुखड़े टारे। हर मुश्किल से पार निकाले। तुम राम जी के, राम तुम्हारे। समझा हमने भी तुम्हें हमारा। स्वीकार करो, वंदन…

हनुमान जन्मोत्सव

हनुमान जन्मोत्सव | Kavita Hanuman Janmotsav

हनुमान जन्मोत्सव ( Hanuman Janmotsav ) तुम ज्ञान- गुण – सागर हो श्रीराम की रक्षा के लिये जीवन का सर्वस्व मिटाकर तुमने युध्द में अपने कौशल्य से लंका – दहन किया . तुम्हारी जागृत मूर्ति को मैं प्रणाम करता हूं कि तुम्हारा नाम लेते ही शत्रु -नाश दुर्भाग्य -दूर और प्रेत-मुक्ति हो जाती है ….

Hanuman Ji par Kavita

हनुमान जयंती | Kavita Hanuman Jayanti

हनुमान जयंती ( Hanuman Jayanti )   बल बुद्धि विद्या वृष्टि, हनुमंत साधना भक्ति से कलयुग साक्षात देव अनुपमा, भक्तजन सर्व दुःख कष्ट हर्ता । अनंत सद्य मंगल फलदायक, कर्म धर्म मनोरथ पूर्ण कर्ता । अंजनी सुत जन्मोत्सव बेला, सर्वत्र आनंद आराधना स्तुति से । बल बुद्धि विद्या वृष्टि, हनुमंत साधना भक्ति से ।। चैत्र…

Kavita Ye Kaisa Ram Rajya hai

ये कैसा रामराज्य है | Kavita Ye Kaisa Ram Rajya hai

ये कैसा रामराज्य है  ( Ye Kaisa Ram Rajya hai )   आम आदमी कंगाल हुआ है, नेता सारे मालामाल हुए हैं, किसान और मजदूर देश के, देखो कैसे बदहाल हुए हैं। न तन पर है कपड़े, न खाने को सूखीं रोटी, देश की जनता कल भी भूखी-प्यासी थी, आज भी भूखी-प्यासी है। ये कैसा…

.रौद्र रस | Raudra Ras Kavita

.रौद्र रस | Raudra Ras Kavita

.रौद्र रस  ( Raudra Ras )   मन करता है कभी, ज़ुबां के ताले अब खोल दूँ, है दुनिया कितनी मतलबी जाके उनको बोल दूँ, उतार फेंकूँ उनके चेहरे से चापलूसी के मुखौटे, सच के आईने दिखा बदसूरती के राज़ खोल दूँ, कैसी हवस है यह पैसे की जो ख़त्म नहीं होती, चाहूँ तो सच…

वनिता सुरभि, पारिजात ललांत सी

वनिता सुरभि, पारिजात ललांत सी

वनिता सुरभि,पारिजात ललांत सी   कोमल निर्मल सरस भाव, अंतर प्रवाह विमल सरिता । त्याग समर्पण प्रतिमूर्ति, अनंता अत्युत्तम कविता । सृजन उत्थान पथ पर, महिमा मंडित सुकांत सी । वनिता सुरभि, पारिजात ललांत सी ।। स्नेहगार ,दया उद्गम स्थल, अप्रतिम श्रृंगार सृष्टि का । पूजनीय कमनीय शील युत, नैतिक अवलंब दृष्टि का । उमा…

Ayodhya par kavita

मै अयोध्या हूं | Kavita Main Ayodhya Hoon

मै अयोध्या हूं ( Main Ayodhya Hoon )   जम्बू द्वीप में जलते दीये आर्यावर्त की चमकती आभा बहते सरयू की निर्मल धारा मैं अयोध्या हूं ! स्कंद पुराण की कथा सुनाती रघुवंशियों की राजधानी होती प्रभु राम की जन्मभूमि बताती मैं ,,,,,,,,,,,,,,,,,,, ! सदियों से यातनाएं सहती बर्बर बाबर का विध्वंश झेलती न्याय मंडलों…

Kavita Vishwa Prithvi Divas

विश्व पृथवी दिवस | Kavita Vishwa Prithvi Divas

विश्व पृथवी दिवस ( Vishwa Prithvi Divas )   पृथ्वी या पृथिवी या मानो विशाल धरा बसता इसके ऊपर ही सृष्टि हरा भरा भू भूमि वसुधा कहो या वसुंधरा धन संपदा का है मुझ में भंडार भरा पेट की छुदा मिटाने को मैं हूं धरित्री संतान का पोषण करती जैसे मां जीवन दात्री धूप छांव…

Kavita Aap Kahan Hain

आप कहाँ हैं | Kavita Aap Kahan Hain

आप कहाँ हैं ( Aap Kahan Hain )   निवास क्षेत्र और कर्म क्षेत्र हि है आपका जीवन क्षेत्र इनके संग का व्यवहार ही करता है प्रमाणित जीवन चरित्र अनगिनत रास्ते हैं कर्म पथ के पथ को मिलती है दिशा विवेक से विवेक आता है संस्कार से और संस्कार मिलते हैं संगत से संगत आपके…