Ayodhya par kavita
Ayodhya par kavita

मै अयोध्या हूं

( Main Ayodhya Hoon )

 

जम्बू द्वीप में
जलते दीये
आर्यावर्त की
चमकती आभा
बहते सरयू की
निर्मल धारा
मैं अयोध्या हूं !

स्कंद पुराण की
कथा सुनाती
रघुवंशियों की
राजधानी होती
प्रभु राम की
जन्मभूमि बताती
मैं ,,,,,,,,,,,,,,,,,,, !

सदियों से
यातनाएं सहती
बर्बर बाबर का
विध्वंश झेलती
न्याय मंडलों से
मिली मुझको मुक्ति
मैं ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

शताब्दियों से खोयी
धरा रामलला की
पायी है जिसने
इंसाफ तुला की
सहमी सी नहीं
घरवापसी हुई आज
मैं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,।

Shekhar Kumar Srivastava

शेखर कुमार श्रीवास्तव
दरभंगा( बिहार)

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