बदलते हैं | Best Ghazal Lines in Hindi
बदलते हैं ( Badalte hain ) बदलती शाम सुबहें और मौसम भी बदलते हैं बुरे हालात हों तो दोस्त हमदम भी बदलते हैं। लगाता ज़ख़्म वो हर बार हंस हंस के मुझे यारों नयी हर चोट पर हर बार मरहम भी बदलते हैं। कभी थी सल्तनत जिनकी वो पसमंजर में हैं बैठे बड़ी हैरत…