Aashiqui

आशिक़ी | Aashiqui

आशिक़ी! ( Aashiqui ) (नज़्म ) ( 3 )  बदलेगा मौसम मगर धीरे-धीरे, उठेगी जवानी मगर धीरे-धीरे। पिएंगे प्यासे उन आँखों से मय को, चढ़ेगी नशा वो मगर धीरे-धीरे। ढाएगी कयामत जमाने पे एकदिन, बढ़ेगी बेताबी मगर धीरे-धीरे। राह -ए -तलब में छोड़ेगी दिल को, होगा आशिक़ी का असर धीरे-धीरे। करेगी इनायत किसी न किसी…

Bharat ki Dharti

भारत की धरती | Bharat ki Dharti

भारत की धरती ( Bharat ki dharti )    मेरी धरती माँ प्यारी है भारत की ख़ुशबू फ़ैली है ऐसा न कहीं देश मिलेगा गंगा जमना जो मिलती है उगते है गुल उगती सरसों धरती माँ देखो ऐसी है सैनिक करे है हिफाज़त कर सकता न अदू ज़ख्मी है नफ़रत के दुश्मन ख़त्म हुई उल्फ़त…

Jai Hind

जय हिंद | Jai Hind

जय हिंद ( Jai Hind )    देखो कितना अच्छा है प्यारे जय हिंद ? आओ सब मिलकर के ही बोले जय हिंद दुश्मन के कान सभी हो जाये बहरे इतनी जोर से ही बोले सारे जय हिंद चाहे कोई गीत सुने चाहे ग़ज़लें लगने अपने तो है सब नारे जय हिंद छोड़ो करनी महजब…

Rab ki ibadat karna

इबादत करना | Ibadat Karna

इबादत करना ( Ibadat karna )   भूल संसार गया रब की इबादत करना याद अब है इसे नफरत की तिजारत करना देख मासूम हसींं दिल की सदाये बोली जिंदगी सीख रही है यूँ मुहब्बत करना धूप कहती ही रही आज नहीं निकलो तुम बेसबब रोग को क्योंकर है यूँ दावत करना जिंदगी और ठिकाने…

Romantic Nazm in Hindi

मेरी ज़िन्दगी में थी ऐसी हसीना | Romantic Nazm in Hindi

मेरी ज़िन्दगी में थी ऐसी हसीना ( Meri zindagi mein thi aisi haseena )    वो आँखों पे ज़ल्फ़ों के पहरे बिठाये कभी ख़ुद हँसे औ’र मुझे भी हँसाये मेरे गीत अपने लबों पर सजाये कभी दिन ढले भी मेरे घर में आये लगे जेठ सावन का जैसे महीना ।। मेरी ज़िन्दगी में —— कभी…

Yaadon ki Shayari

तेरी यादों की बारिश है | Yaadon ki Shayari

तेरी यादों की बारिश है ( Teri yaadon ki barish hai )    तेरी यादों की बारिश है हर पल तेरी बस ख़्वाहिश है शक्ल नज़र आये है तेरी ख़्वाबों की कैसे साज़िश है प्यास बुझा दे तू उल्फ़त की तुझसे बस एक गुज़ारिश है पार जिसे करना है मुश्किल उल्फ़त वो देखो आतिश है…

Suramai Khwab

सुरमई ख़्वाब | Surmai Khwab

सुरमई ख़्वाब ( Surmai Khwab ) शाख पे फूल मुहब्बत के खिलाने आजा। मैं हूँ तेरी ये ज़माने को बताने आजा।। रह के तन्हा यूँ सफर मुझ से न कट पायेगा, ज़िंदगी भर के लिए साथ निभाने आजा।। डूब जाऊँ न कहीं ग़म के भँवर में इक दिन, मेरी  कश्ती को किनारे तू लगाने आजा।।…

Ghazal Maujen Payam ki

मौजें पयाम की | Ghazal Maujen Payam ki

मौजें पयाम की ( Maujen payam ki )   क्या ख़ाक जुस्तजू करें हम सुब्हो-शाम की जब फिर गईं हों नज़रें ही माह-ए-तमाम की जो कुछ था वो तो लूट के इक शख़्स ले गया जागीर रह गई है फ़कत एक नाम की ख़ुद आके देख ले तू मुहब्बत के शहर में शोहरत हरेक सम्त…

Nazar Chura ke

नज़र चुरा के सभी आज कल निकलते हैं | Nazar Chura ke

नज़र चुरा के सभी आज कल निकलते हैं ( Nazar chura ke sabhi aaj kal nikalte hain )   नज़र चुरा के सभी आज कल निकलते हैं न जाने किसलिए इक दूसरे से जलते हैं ऐ काश वक़्त पे हर काम कर लिया होता ये सोच सोच के हाथों को अपने मलते हैं जो सारे…

Milta Kisi bhi Mode pe

मिलता किसी भी मोड़ पे क्यों राहबर नहीं | Milta Kisi bhi Mode pe

मिलता किसी भी मोड़ पे क्यों राहबर नहीं ( Milta kisi bhi mod pe kyon rehbar nahin )   मिलता किसी भी मोड़ पे क्यों राहबर नहीं इस शहरे-कामयाब की आसां डगर नहीं हर इक सफ़र में होता था जो हमसफ़र कभी वो भी तो आस-पास में आता नज़र नहीं। माना कि मुद्दतें हुईं बिछड़े…