Ghazal By Aazam Nayyar -खिल रहा वो फ़ूल गुलाब का
खिल रहा वो फ़ूल गुलाब का ( Khil Raha Wo Phool Gulab Ka ) खिल रहा वो फ़ूल गुलाब का ! हुस्न हो जैसे आफ़ताब का इक खिला फ़ूल वो देखकर याद आया चेहरा ज़नाब का हाँ बुरा सी लगेगी नजर कर ले तू ये चेहरा हिजाब का प्यार का…