उससे हुई उल्फ़त की बात आख़री

Sad Shayari | उससे हुई उल्फ़त की बात आख़री

उससे हुई उल्फ़त की बात आख़री ( Usase Hui Ulfat Ki Baat Aakhari ) उससे हुई उल्फ़त की बात आख़री होना जुदा उससे मुलाक़ात आख़री हां रास शहर की बरसातें आयी कब है प्यार की मुझपे बरसात आख़री ग़म दर्द अश्क़ आंखों में मिले मेरी वो प्यार लिक्खे अब नग्मात आख़री परदेश जा रहा  लौटेगा…

तेरी मैं बात मैं समझा नहीं हूँ

Love Shayari -तेरी मैं बात मैं समझा नहीं हूँ

तेरी मैं बात मैं समझा नहीं हूँ   ( Teri Main Baat Mein Samjha Nahi Hun )     तेरी मैं बात मैं समझा नहीं हूँ ! पढ़ा लिक्खा देखो इतना नहीं हूँ   निगाहों से इशारे मत किया कर सकूं से फ़िर सनम  रहता नहीं हूँ   मुहब्बत में दग़ा खायी है जब से हाले दिल…

गुजारी जिंदगी सुख की अभी तक

Sad Shayari -गुजारी जिंदगी सुख की अभी तक

गुजारी जिंदगी सुख की अभी तक ( Gujari Jindagi Sukh KI Abhi Tak )     गुजारी जिंदगी सुख की अभी तक दुखो से ही भरी ये जिदगी है   अपनों के तंज इतने है मिले के दिल पे ही  चोट  गहरी सी लगी है   मुहब्बत से नहीं देखा कभी भी यहां तो नफ़रत…

हमने करार चाहा तो आकर के ग़म मिले

Hindi Poetry On Life -हमने करार चाहा तो आकर के ग़म मिले

हमने करार चाहा तो आकर के ग़म मिले ( Hamne Karar Chaha To Aakar Ke Gam Mile )   हमने करार चाहा तो आकर के ग़म मिले। जब भी किसी मुकाम पे जाकर के हम मिले।।   रक्खा था जिनको पाल के सीने में रात-दिन। सुख के हसीन ख्वाब के हमको भरम मिले।।   जो…

तू महक जिंदगी में गुलाब की तरह

Love shayari | Romantic Ghazal -तू महक जिंदगी में गुलाब की तरह

तू महक जिंदगी में गुलाब की तरह ( Tu Mahak Jindagi Mein Gulaab Ki Tarah )   तू महक जिंदगी में गुलाब की तरह मत जा तू बेवफ़ा से ज़नाब की तरह   हाँ अंधेरे तन्हाई के होगे यहां गुम कहीं मत हो इस आफ़ताब की तरह   चाँद सी सूरत को हाँ लगेगी नजर…

लगी आग नफ़रत की ऐसी जहां में

Hindi Poetry On Life -लगी आग नफ़रत की ऐसी जहां में

लगी आग नफ़रत की ऐसी जहां में (Lagi Aag Nafrat Ki Aisi Jahan Mein )     मैं जब भी पुराना मकान देखता हूं! थोड़ी बहुत ख़ुद में जान देखता हूं!   लड़ाई वजूद की वजूद तक आई, ख़ुदा का ये भी इम्तिहान देखता हूं!   उजड़ गया आपस के झगड़े में घर, गली- कूचे…

चोरी चोरी चुपके चुपके मिला कर

love Ghazal -चोरी चोरी चुपके चुपके मिला कर

चोरी चोरी चुपके चुपके मिला कर   ( Chori Chori Chupke Chupke Mila Kar )   सभी के सामने गुल मत दिया कर! चोरी चोरी चुपके चुपके मिला कर   दिल में जो बात है बोला कर मुझसे निगाहों से इशारे मत किया कर   भूला दें तू सितम उसके सभी अब न यूं आहें…

पराया वो जब से चेहरा हुआ है

Sad Ghazal -पराया वो जब से चेहरा हुआ है

पराया वो जब से चेहरा हुआ है ( Praya Wo  Jab Se Chehra Hua Hai )   पराया वो जब से चेहरा हुआ है आंखों में अश्कों का दरिया हुआ है   भला कैसे ख़ुशी से मुस्कुराऊं मेरा दिल प्यार में  टूटा हुआ है   मनाऊँ भी भला कैसे उसे अब बहुत मुझको वही रूठा…

तमाशा ऐसा भी हमने सरे-बाज़ार देखा है

Dard Bhari Ghazal -तमाशा ऐसा भी हमने सरे-बाज़ार देखा है

तमाशा ऐसा भी हमने सरे-बाज़ार देखा है ( Tamsssha Aisa Bhi Hamne Sare Bazar Dekha Hai )   तमाशा ऐसा भी हमने सरे-बाज़ार देखा है।। दिखावे के सभी रिश्ते जताते प्यार देखा है।।   तभी तक पूछते जग में है पैसा गांठ में जब तक। हुई जब जेब खाली तो अलग व्यवहार देखा है।।  …

यहाँ रोज़ लब पे ख़ामोशी रही है!

Sad Shayari -यहाँ रोज़ लब पे ख़ामोशी रही है!

यहाँ रोज़ लब पे ख़ामोशी रही है! ( Yahaan Roz Lab Pe Khamoshi Rahi Hai )   यहां रोज़ लब पे ख़ामोशी रही है! कहीं प्यार की ही लबों पे हंसी है     किसी ने तोड़ा प्यार से ही भरा दिल आंखों में भरी प्यार की ही नमी है   उदासी ख़ामोशी भरी जिंदगी…