Kavita | चित आदित्य
चित आदित्य
( Chit Aditya )
( Chit Aditya )
ज़मीर ( Zameer ) आज फिर से ज़मीर का इक सवाल उठाती हूं मंचासीन के कानों तक ये आवाज़ पहुंचाती हूं उनके स्वार्थ से बुझ गए हैं कुछ दीप खुशियों के ज़रा ठहरो कि पहले उनकी ज्योत जलाती हूं। बना कर कुटुम्ब विशाल फिर क्यूँ आपस में लड़ते हो जिम्मेदारियाँ निभाने की…
तुम आ जाते सावन में घर ( Tum aa jate sawan mein ghar ) सच कहती हूॅं तेरे बिन मुझे कुछ अच्छा न लगता, तुम आ जाते सावन में घर तो सावन यह लगता। मन में आशाएं बड़ी-बड़ी थी कमी तुम्हारा लगता, इस जीवन में सफ़र तेरे बिन अब अधूरा लगता।। आपसे अच्छा हम-दर्द…
महामाया कालिका ( Mahamaya kalika ) दुःख-कष्टों को माॅं काली तुरन्त दूर कर देती, नौकरी व्यापार और धन समस्या मिटा देती। सभी से है वह शक्तिशाली और प्रभावशाली, किसी भी काम का वह शीघ्र परिणाम देती।। जगदम्बे की महामाया भी कहते है जिसको, लाल वस्त्र व लाल आसन भाते है जिसको। सामान्य पूजन तंत्र…
जन्म दिन ( Janam din ) आज जन्मदिन के अवसर पर हम दे क्या उपहार, सबसे बढ़कर आपको करते हैं हम प्यार। मृदुल कोमल सरल है उत्तम नेक विचार, आप सुगंधित पुष्प सा फैलें जग संसार। हृदय से है आपका वंदन बारंबार, क्या दे दे हम आपको दूजा और उपहार। स्नेह…
सीख परमात्मा की ( Seekh parmatma ki ) जो सबका भाग्य विधाता है जो जग का करतार। कर्म करो शुभ जग में प्यारे वचन कहे सृजनहार। मात पिता गुरु का आदर जीवो पर दया कर प्राणी। क्षणभंगुर सांसों की डोरी ये दुनिया है आनी जानी। ढाई आखर प्रेम सच्चा सब झूठा है अभिमान। चलो…
जीस्त में जिसकी यहां तो मुफलिसी है ( Jist Mein Jiski Yahan To Muphlasi Hai ) जीस्त में जिसकी यहां तो मुफ़लिसी है जीस्त में उसके भला क्या फ़िर ख़ुशी है मयकशी ही कौन करता है उल्फ़त की रोज़ होती नफ़रतों की मयकशी है अब दिखाता ग़ैर होने की वो आंखें…