दरिद्रता | Daridrata
दरिद्रता
( Daridrata )

( Daridrata )
जमाने में मेरा हाल ( Zamane mein mera haal ) बदजात जमाने से मेरा हाल न पूछों जो जानना हो कुछ मेरे पास तुम आओ मैं बेहतर बताऊंगा दूसरे से यार न पूछों मैं चलता चला जाऊंगा फिर ठहर नही पाऊंगा दूसरे से मेरी मंजिल को मेरे यार न पूछो बदजात जमाने से मेरा…
पुरुष दिवस की बधाई मेरे भाई! ( Purush divas ki badhai mere bhai ) पीड़ा सहे , मौन रहे मुख से कभी , कुछ भी ना कहे अपनों / बच्चों की खुशियों खातिर परिश्रम करता रहे! दुख में भी हंसता रहे प्रकट इसे ना करे.. खुद भूखा रहकर भी ख्वाहिशें सबकी पूरी करे। उस…
संत कबीर दास ( Sant Kabir Das ) आडंबर दिखावे का, करते सदा विरोध। कबीर दास के दोहे, जनचेतना ला रहे। अल्लाह के बंदे बने, राम के आराधक भी। संप्रदाय सद्भाव के, प्रसून खिलाते रहे। उपदेश मन भाए, वचन राह दिखाएं। संत कबीर के दोहे, सबके मन भाते रहे। सभी…
मर्यादा ( Maryada ) सत्य शील सद्भावो के जग में फूल खिलाना है प्यार के मोती अनमोल खुशियों का खजाना है मर्यादा पालक रामचंद्र जी महापुरुष कहलाए पावन वो परिपाटी हमें जन्म-जन्म निभाना है हर्ष खुशी आनंद बरसे प्रेम की बहती हो धारा जहां मर्यादा जिंदा है सुख सागर उमड़े सारा अनीति अनाचार…
अखियां लड़ गई ( Akhiyan lad gayi ) अखियां लड़ गई भरे बजार दिल को करार आया। उनको देखा पहली बार दिल को मेरे प्यार आया। अखियां लड़ गई भरे बजार… मस्तानी चाल दीवानी मिल गई सपनों की रानी। महकी जीवन की बगिया प्यार की नई कहानी। मनमौजी मन ले हिलोरे नए तराने…
हिन्द का तिरंगा ( Hind ka tiranga ) हे ध्वज तेरा क्या बखान करूं तू लागे बड़ा चंगा, हिंदू-मुस्लिम सिख-ईसाई सबका प्यारा तिरंगा। नीले अंबर में लहराता हुआ तू लगता हमें प्यारा, सारे विश्व में गौरवान्वित करता हिंद का तिरंगा।। देश प्रेम का दे रहा है तू जन-जन को यह संदेश, मिल-झुलकर रहो आपस…
जमाने में मेरा हाल ( Zamane mein mera haal ) बदजात जमाने से मेरा हाल न पूछों जो जानना हो कुछ मेरे पास तुम आओ मैं बेहतर बताऊंगा दूसरे से यार न पूछों मैं चलता चला जाऊंगा फिर ठहर नही पाऊंगा दूसरे से मेरी मंजिल को मेरे यार न पूछो बदजात जमाने से मेरा…
पुरुष दिवस की बधाई मेरे भाई! ( Purush divas ki badhai mere bhai ) पीड़ा सहे , मौन रहे मुख से कभी , कुछ भी ना कहे अपनों / बच्चों की खुशियों खातिर परिश्रम करता रहे! दुख में भी हंसता रहे प्रकट इसे ना करे.. खुद भूखा रहकर भी ख्वाहिशें सबकी पूरी करे। उस…
संत कबीर दास ( Sant Kabir Das ) आडंबर दिखावे का, करते सदा विरोध। कबीर दास के दोहे, जनचेतना ला रहे। अल्लाह के बंदे बने, राम के आराधक भी। संप्रदाय सद्भाव के, प्रसून खिलाते रहे। उपदेश मन भाए, वचन राह दिखाएं। संत कबीर के दोहे, सबके मन भाते रहे। सभी…
मर्यादा ( Maryada ) सत्य शील सद्भावो के जग में फूल खिलाना है प्यार के मोती अनमोल खुशियों का खजाना है मर्यादा पालक रामचंद्र जी महापुरुष कहलाए पावन वो परिपाटी हमें जन्म-जन्म निभाना है हर्ष खुशी आनंद बरसे प्रेम की बहती हो धारा जहां मर्यादा जिंदा है सुख सागर उमड़े सारा अनीति अनाचार…
अखियां लड़ गई ( Akhiyan lad gayi ) अखियां लड़ गई भरे बजार दिल को करार आया। उनको देखा पहली बार दिल को मेरे प्यार आया। अखियां लड़ गई भरे बजार… मस्तानी चाल दीवानी मिल गई सपनों की रानी। महकी जीवन की बगिया प्यार की नई कहानी। मनमौजी मन ले हिलोरे नए तराने…
हिन्द का तिरंगा ( Hind ka tiranga ) हे ध्वज तेरा क्या बखान करूं तू लागे बड़ा चंगा, हिंदू-मुस्लिम सिख-ईसाई सबका प्यारा तिरंगा। नीले अंबर में लहराता हुआ तू लगता हमें प्यारा, सारे विश्व में गौरवान्वित करता हिंद का तिरंगा।। देश प्रेम का दे रहा है तू जन-जन को यह संदेश, मिल-झुलकर रहो आपस…
जमाने में मेरा हाल ( Zamane mein mera haal ) बदजात जमाने से मेरा हाल न पूछों जो जानना हो कुछ मेरे पास तुम आओ मैं बेहतर बताऊंगा दूसरे से यार न पूछों मैं चलता चला जाऊंगा फिर ठहर नही पाऊंगा दूसरे से मेरी मंजिल को मेरे यार न पूछो बदजात जमाने से मेरा…
पुरुष दिवस की बधाई मेरे भाई! ( Purush divas ki badhai mere bhai ) पीड़ा सहे , मौन रहे मुख से कभी , कुछ भी ना कहे अपनों / बच्चों की खुशियों खातिर परिश्रम करता रहे! दुख में भी हंसता रहे प्रकट इसे ना करे.. खुद भूखा रहकर भी ख्वाहिशें सबकी पूरी करे। उस…
संत कबीर दास ( Sant Kabir Das ) आडंबर दिखावे का, करते सदा विरोध। कबीर दास के दोहे, जनचेतना ला रहे। अल्लाह के बंदे बने, राम के आराधक भी। संप्रदाय सद्भाव के, प्रसून खिलाते रहे। उपदेश मन भाए, वचन राह दिखाएं। संत कबीर के दोहे, सबके मन भाते रहे। सभी…
मर्यादा ( Maryada ) सत्य शील सद्भावो के जग में फूल खिलाना है प्यार के मोती अनमोल खुशियों का खजाना है मर्यादा पालक रामचंद्र जी महापुरुष कहलाए पावन वो परिपाटी हमें जन्म-जन्म निभाना है हर्ष खुशी आनंद बरसे प्रेम की बहती हो धारा जहां मर्यादा जिंदा है सुख सागर उमड़े सारा अनीति अनाचार…
अखियां लड़ गई ( Akhiyan lad gayi ) अखियां लड़ गई भरे बजार दिल को करार आया। उनको देखा पहली बार दिल को मेरे प्यार आया। अखियां लड़ गई भरे बजार… मस्तानी चाल दीवानी मिल गई सपनों की रानी। महकी जीवन की बगिया प्यार की नई कहानी। मनमौजी मन ले हिलोरे नए तराने…
हिन्द का तिरंगा ( Hind ka tiranga ) हे ध्वज तेरा क्या बखान करूं तू लागे बड़ा चंगा, हिंदू-मुस्लिम सिख-ईसाई सबका प्यारा तिरंगा। नीले अंबर में लहराता हुआ तू लगता हमें प्यारा, सारे विश्व में गौरवान्वित करता हिंद का तिरंगा।। देश प्रेम का दे रहा है तू जन-जन को यह संदेश, मिल-झुलकर रहो आपस…