Hindi Kavita| Sad Shayari In Hindi | Hindi Poem -कहानी मेरी
कहानी मेरी
( Kahani Meri )
क्या कहूँ तेरे बिना – क्या है ये जिंदगानी मेरी;
तुझसे शुरु तुझपे ख़त्म ये छोटी-सी कहानी मेरी ।
ना भूख, ना प्यास, दिल घायल, बेचैन रूह है;
तुझे क्या बताऊँ क्या-क्या नहीं है परेशानी मेरी ।
जो बेशक़ीमती लम्हें हमने तेरे साथ गुज़ारे थे;
सिर्फ़ वही भूली-बिसरी यादें हैं निशानी तेरी ।
बेख़बर ज़माने को क्या ख़बर किसका दिल कब टूटा;
जो जानते हैं मुझे उन्हें मालूम है ये कहानी मेरी ।
बदनाम होकर भी आज कुछ नाम है ज़माने में;
इसे खता कहे अपनी या कहे मेहरबानी तेरी ।
खिलौनों से खेलते-खेलते कब जज़्बातों से खेलने लगे;
ना जाने कितनों को ले डूबी ये छोटी-सी नादानी तेरी ।
भूल कर भी अब तेरी राह में हम ‘दीप ना चलाएँगे;
ख़ुश रह तूँ, जा जीभर के जी ले जिंदगानी तेरी ।
