सभी के लिए | Sabhi ke Liye
सभी के लिए
( Sabhi ke Liye )
चमकना है अगर जीवन में तो
हर ताप को सहना होगा
कहीं राम को श्याम, तो कहीं
श्याम को राम कहना होगा
जीवन पथ पर चलना होगा
मौसम में भी हर मौसम है
शामिल
युग में भी हर युग के कर्म हैं
दया ,धर्म ,क्षमता ,आतंक
सभी के अपने-अपने मर्म हैं
संपूर्णता तो समग्रता से ही होगी
महत्व गुण विशेष का ही होगा
किसी की याद भी नहीं आती
किसी का लिखा जाता इतिहास होगा
किसी का इंतजार बेसब्री से
किसी का उपहास हो रहा होगा
आपकी गिनती आपसे ही होगी
आपको ही सोचना है कहां रहना होगा
वक्त अलग आता नहीं किसी के लिए
कायनात है सभी के लिए
चुनाव और कर्म आपके अपने हैं
परिणाम तो है सभी के लिए
( मुंबई )