कितना सहा होगा

कितना सहा होगा | Vedna kavita

 कितना सहा होगा 

( Kitna saha hoga)

 

कितना सहा होगा
उन गर्भवती औरतों ने
सड़क पर चलते हुए दर्द
नंगे पैरों ,उखड़े कदमों से
भूखे पेट और उतरे चेहरे से।।

कितनी पीड़ा सही होगी
सड़क पर बच्चे को जन्म देते हुए
न कोई बिस्तर, न कोई दवा
काट कर नाल बच्चे का
टपकते अंगों से रक्त
चलना पड़ा फिर
लेकर नवजात को।।

कितना सहा होगा
उन लड़कियों और औरतों ने
जिनके राह चलते हुए
पीरियड के आ जाने पर
शर्म के मारे मर्दों के बीच
बैठे हुए गर्दन झुकाए।।

कितना सहा होगा
पीरियड के दौरान दर्द
न उनके पास पैड
न ही कोई कोई साफ कपड़ा
कपड़ा हो भी तो कैसे?
पता नहीं कितने दिन से धोए नहीं
जिससे छिपा सके वो
रिसते रक्त को।

कितना सहा होगा
पीरियड में दर्द
जब न पैड, न कोई कपड़ा
रक्त से सने बदन को लेकर
चलते हुए सड़क पर
छिल गईं होगी वो
पहने कपड़ों की रगड़ से
जांघों के बीच से……।।।।

 

कवि : सन्दीप चौबारा

( फतेहाबाद)

यह भी पढ़ें : –

मदर्स डे | Mother’s day kavita

Similar Posts

One Comment

  1. बहुत बहुत धन्यवाद जी आपका मेरी कविता को प्रकाशित ओर प्रसारित करने के लिए????

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *