मां महागौरी

( Maa Mahagauri ) 

 

नवरात्रि की अष्टमी शुभ तिथि है आई,
माता पूजन और हवन कर लो सब भाई।

अष्टम दुर्गा के रूप में आती हैं महागौरी,
वृष सवारी करती माता चार भुजाधारी।

एक हाथ में त्रिशूल धरे दूजे डमरू बजाए,
शान्त स्वभाव वाली माता वर मुद्रा दिखलाए।

शिव प्रिया मां उमा भवानी हे जगदम्बे,
श्वेत प्रिया गौर वर्णी माता महाअम्बे।

कृपा कर देती माता अपने भक्तों पर जब,
सब दुख कष्ट मिट जाते आती मईया तब।

इनकी कृपा से सद्गुण आते मईया सत प्रवर्तिनी,
जग तारिणी माता महागौरी हैं महातपस्विनी।

अंधकार तम को हराए मईया असत विनाशिनी।
मिलता नवरात्र पूजन का सब फल जो इनको भजे,
श्रद्धा भक्ति से ध्यान करे और भाव सहित जो पूजे।।

 

रचनाकार –मुकेश कुमार सोनकर “सोनकर जी”
रायपुर, ( छत्तीसगढ़ )

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