Kavita | मीन और मीना की जिंदगी : एक जैसी
मीन और मीना की जिंदगी : एक जैसी
( Meen Aur Meena Ki Jindagi : Ek Jaisi )
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सूखे पेड़ पर परिंदे भी घर नहीं बनाते ( Sukhe ped par parinde bhi ghar nahi banate ) तंगहाली में अपने भी साथ नहीं निभाते। सूखे रूख पर परिंदे भी घर नहीं बनाते। बिन जल सरोवर सूना सूना सा लगता। नीरव तलाश में पंछी अन्यत्र चले जाते। हरी भरी हरियाली हो तरूवर लहराते हैं।…
जिंदगी बस यूं ही… ( Zindagi bas yuhi ) यूं ही कभी न हारना तुम, ना खोने देना अपनी पहचान । यूं ही आगे बढ़ना तुम, ना होना तुम कभी निराश । यूं ही तुम्हारी हर मंजिल तुम्हें मिलती जाएगी तुम्हारी हर चाहत मिलेगी, तुम्हारे हर सपने सच होंगे ।…
हंसना मना है ( Hasna mana hai ) मोबाइल टीवी चलाओ चाहे कूलर की हवा खाओ बाहर धूप में मत जाओ सच कहता हूं मान जाओ हजारों बीमारियां है वातावरण कुछ ऐसा बना है मेरी तो बस राय यही समझो देखो हंसना मना है बैठे-बैठे संगीत सुनलो ताना-बाना कोई बुन लो लेखक…
महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती ( Maharishi Swami Dayanand Saraswati ) यें भी उन्नीसवीं शताब्दी के समाजिक सुधारक, महान देश-भक्त व आर्य समाज के संस्थापक। बचपन का नाम माता-पिता ने रखा मूलशंकर, देशप्रेम राष्ट्रीयता भावना भरा था कूट कूटकर।। १२ फरवरी १८२४ को जन्में राजकोट गुजरात, इनके पिता लालजी तिवारी माता यशोदा बाई। वेद-शास्त्र व…
आओ बिखेरे प्यार की खुशबू ( Aao bikhere pyar ki khushboo ) प्यार सब को ही जोड़ता है, नही किसी को ये तोड़ता है। आओ बिखेरो प्यार ख़ुशबू, नही रखो अपना कोई शत्रु।। प्यार के होते अनेंक प्रकार, इसी से चलता यह संसार। हमने प्यार में गुजार दिये, कई दिन, महिनें और साल।। क्यों…
मुझे गुरूर है कि ( Mujhe guroor hai ki ) मुझे गुरूर है कि मैं भारत देश का वासी हूं। लेखनी का दीप जलाता हरता हर उदासी हूं। लुटाता प्यार के मोती शब्दों की बहारों से। खुशियां ढूंढता रहता हंसी चेहरों नजारों में। मुझे गुरूर है बिटिया का पिता हूं मैं प्यारा। महके आंगन…
सूखे पेड़ पर परिंदे भी घर नहीं बनाते ( Sukhe ped par parinde bhi ghar nahi banate ) तंगहाली में अपने भी साथ नहीं निभाते। सूखे रूख पर परिंदे भी घर नहीं बनाते। बिन जल सरोवर सूना सूना सा लगता। नीरव तलाश में पंछी अन्यत्र चले जाते। हरी भरी हरियाली हो तरूवर लहराते हैं।…
जिंदगी बस यूं ही… ( Zindagi bas yuhi ) यूं ही कभी न हारना तुम, ना खोने देना अपनी पहचान । यूं ही आगे बढ़ना तुम, ना होना तुम कभी निराश । यूं ही तुम्हारी हर मंजिल तुम्हें मिलती जाएगी तुम्हारी हर चाहत मिलेगी, तुम्हारे हर सपने सच होंगे ।…
हंसना मना है ( Hasna mana hai ) मोबाइल टीवी चलाओ चाहे कूलर की हवा खाओ बाहर धूप में मत जाओ सच कहता हूं मान जाओ हजारों बीमारियां है वातावरण कुछ ऐसा बना है मेरी तो बस राय यही समझो देखो हंसना मना है बैठे-बैठे संगीत सुनलो ताना-बाना कोई बुन लो लेखक…
महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती ( Maharishi Swami Dayanand Saraswati ) यें भी उन्नीसवीं शताब्दी के समाजिक सुधारक, महान देश-भक्त व आर्य समाज के संस्थापक। बचपन का नाम माता-पिता ने रखा मूलशंकर, देशप्रेम राष्ट्रीयता भावना भरा था कूट कूटकर।। १२ फरवरी १८२४ को जन्में राजकोट गुजरात, इनके पिता लालजी तिवारी माता यशोदा बाई। वेद-शास्त्र व…
आओ बिखेरे प्यार की खुशबू ( Aao bikhere pyar ki khushboo ) प्यार सब को ही जोड़ता है, नही किसी को ये तोड़ता है। आओ बिखेरो प्यार ख़ुशबू, नही रखो अपना कोई शत्रु।। प्यार के होते अनेंक प्रकार, इसी से चलता यह संसार। हमने प्यार में गुजार दिये, कई दिन, महिनें और साल।। क्यों…
मुझे गुरूर है कि ( Mujhe guroor hai ki ) मुझे गुरूर है कि मैं भारत देश का वासी हूं। लेखनी का दीप जलाता हरता हर उदासी हूं। लुटाता प्यार के मोती शब्दों की बहारों से। खुशियां ढूंढता रहता हंसी चेहरों नजारों में। मुझे गुरूर है बिटिया का पिता हूं मैं प्यारा। महके आंगन…
सूखे पेड़ पर परिंदे भी घर नहीं बनाते ( Sukhe ped par parinde bhi ghar nahi banate ) तंगहाली में अपने भी साथ नहीं निभाते। सूखे रूख पर परिंदे भी घर नहीं बनाते। बिन जल सरोवर सूना सूना सा लगता। नीरव तलाश में पंछी अन्यत्र चले जाते। हरी भरी हरियाली हो तरूवर लहराते हैं।…
जिंदगी बस यूं ही… ( Zindagi bas yuhi ) यूं ही कभी न हारना तुम, ना खोने देना अपनी पहचान । यूं ही आगे बढ़ना तुम, ना होना तुम कभी निराश । यूं ही तुम्हारी हर मंजिल तुम्हें मिलती जाएगी तुम्हारी हर चाहत मिलेगी, तुम्हारे हर सपने सच होंगे ।…
हंसना मना है ( Hasna mana hai ) मोबाइल टीवी चलाओ चाहे कूलर की हवा खाओ बाहर धूप में मत जाओ सच कहता हूं मान जाओ हजारों बीमारियां है वातावरण कुछ ऐसा बना है मेरी तो बस राय यही समझो देखो हंसना मना है बैठे-बैठे संगीत सुनलो ताना-बाना कोई बुन लो लेखक…
महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती ( Maharishi Swami Dayanand Saraswati ) यें भी उन्नीसवीं शताब्दी के समाजिक सुधारक, महान देश-भक्त व आर्य समाज के संस्थापक। बचपन का नाम माता-पिता ने रखा मूलशंकर, देशप्रेम राष्ट्रीयता भावना भरा था कूट कूटकर।। १२ फरवरी १८२४ को जन्में राजकोट गुजरात, इनके पिता लालजी तिवारी माता यशोदा बाई। वेद-शास्त्र व…
आओ बिखेरे प्यार की खुशबू ( Aao bikhere pyar ki khushboo ) प्यार सब को ही जोड़ता है, नही किसी को ये तोड़ता है। आओ बिखेरो प्यार ख़ुशबू, नही रखो अपना कोई शत्रु।। प्यार के होते अनेंक प्रकार, इसी से चलता यह संसार। हमने प्यार में गुजार दिये, कई दिन, महिनें और साल।। क्यों…
मुझे गुरूर है कि ( Mujhe guroor hai ki ) मुझे गुरूर है कि मैं भारत देश का वासी हूं। लेखनी का दीप जलाता हरता हर उदासी हूं। लुटाता प्यार के मोती शब्दों की बहारों से। खुशियां ढूंढता रहता हंसी चेहरों नजारों में। मुझे गुरूर है बिटिया का पिता हूं मैं प्यारा। महके आंगन…