Search Results for: कहानियां

Kahani Achuto ka Bhagwan

अछूतो का भगवान | Kahani Achuto ka Bhagwan

चारों तरफ मैले कुचैले कपड़े पहने बच्चे दिखाई दे रहे थे । बदबू ऐसी आ रही है कि एक-दो मिनट बैठना मुश्किल है । कैसे रहते होंगे ये लोग ? क्या लोगों की जिंदगी ऐसे भी हो सकती है ?जहां जानवर भी ना रहना चाहे वहां मनुष्य रह रहे हैं। सुरेश को आज नींद नहीं…

Sangharsh Jivan Shayari

संघर्ष जीवन के | Sangharsh Jivan Shayari

संघर्ष जीवन के ( Sangharsh Jivan ke )   बचपन गुज़रा और जवानी ने दस्तक दिया, बस तभी से संघर्ष जीवन का है शुरू हुआ, इस संघर्ष का सिलसिला साँसों संग टूटता, हयात-ए-सफ़र आज़माइशों के नज़र किया, उम्र के साथ-साथ ये संघर्ष भी बढ़ता जाता, ज़िन्दगी की ख़ुशियों को, हरपल मंद किया, स्याह बालों में…

Saadat Hasan Manto

सियाह हाशिए – सआदत हसन मंटो

सियाह हाशिए – सआदत हसन मंटो प्रस्तुतकर्ता – डा अशोक भाटिया टिक्का टिप्पणी/ दो शब्द – मनजीत सिंह, सहायक प्राध्यापक उर्दू (अंशकालिक), कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र साहित्य उपक्रम द्वारा प्रकाशित की गई पुस्तक में उर्दू कथा साहित्य के इतिहास में सआदत हसन मंटो का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। ‘अंगारे’ के प्रकाशन के बाद…

parenting

परवरिश | Parvarish

परवरिश ( संस्मरण )   उस दिन भी सावन का ही महिना और सोमवार का दिन था । बाबूजी (ससुर जी )शिव के अनन्य भक्त । तो उस काल विषय में माँ का पत्नी होने के नाते अनुगामिनी होना निश्चित ही था । पूरा परिवार ताल वृक्ष एक तपो भूमि है़ जयपुर से अलवर जाने…

Bahane Kitne

बहाने कितने | Bahane Kitne

बहाने कितने ( Bahane Kitne )    मुस्कुराने के बहाने कितने फर्क क्या,आएं रुलाने कितने ॥ अब यकीं रूठ किधर जा बैठा रंग बदले हैं ज़माने कितने ॥ बेअसर ख़ार भी है अब उसको सह लिया तल्ख़ व ताने कितने ॥ होती उस सम्त निगाहें सबकी कह गईं, उसके दिवाने कितने ॥ उसकी गैरहाज़िरी में…

Karwa Chauth Poem in Hindi

करवा चौथ पर कविता | Karwa Chauth Poem in Hindi

करवा चौथ पर कविता ( Karwa Chauth par kavita ) ( 5 ) मिट्टी से बने बर्तन और चतुर्थी कृष्ण पक्ष कितना प्यारा, सुहागिन स्त्रियां खास विधान पूजा करती श्रृंगार न्यारा। करती श्रृंगार,चूड़ी,कंगन,बिंदिया,सिंदूर,मेहंदी हाथों पर, शतायु हो,खुशियां हों जीवन में,अमर रहे सुहाग हमारा।। चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखती खुशियां मांगती जीवन में, कामना करती,गणेश जी…

विश्व वृद्धजन दिवस | International Day for Older Persons

विश्व वृद्धजन दिवस | International Day for Older Persons

विश्व वृद्धजन दिवस हमारा जीवन,वृद्धजन प्रदत्त उपहार है सनातनी संस्कृति संस्कार, वृद्धजन सदा परम स्थान । स्नेहिल पावन सानिध्य, दुःख कष्ट तनाव प्रस्थान । अनूप आनुभविक शाला, प्रेरणा ज्ञान पुंज बहार है । हमारा जीवन,वृद्धजन प्रदत्त उपहार है ।। पौराणिक कथा कहानियां, अद्भुत पुरात्तन दृष्टांत । शमित सारे उग्र आवेश, चितवन अनुपम शांत । भूमिका…

Mohan

मोहन तिवारी की कविताएं | Mohan Tiwari Poetry

दर्द मर्द को दर्द नहीं होतायह शरीरिक नहीं मानसिक सत्य हैजिनकी निगाहों में लक्ष्य होता हैवे उपेक्षाओं से परे होते हैंडूबते नहीं झूठीं भावनाओं मेंउद्देश्य ही सर्वस्व होता हैइसीलिए मर्द को दर्द नहीं होता रहता है बोझ जिम्मेदारीयोँ काकर्तव्य का, धर्म का, समाज काफुरसत हि कहाँ सुस्ताने की उसेखुद मे हि जीने वालों को बेशक्दर्द…

एक पत्र किताबों के नाम | Ek Patra Kitabon ke Naam

एक पत्र किताबों के नाम | Ek Patra Kitabon ke Naam

सुनो सखी, तुम्हें पता है ,किताबें महज अब एक रद्दी बनकर रह गई,एक वक्त था जब लगाव था किताबो से सबको,लेकिन आज मोबाइल ने इसकी अहमियत ही खत्म कर दी,जो शब्द किताबों में लिखे होते थे,उनमें खुद से जुड़ी भावनाएं अपनेपन का एहसास कराती थी,आज मोबाईल में सोशल साइट्स में कब वक्त बीत जाता पता…

एक शिक्षक की आत्मकथा

जिंदगी का सफरनामा ( एक शिक्षक की आत्मकथा )

भाग : 1 मैं बचपन से अंत: प्रवृति का व्यक्ति रहा हूं। जिसने बोल दिया तो बोल दिया मैं तो चुप रहना मैं ज्यादा धमाचौकड़ी भी नहीं करता था। हां लेकिन जब मुझे कोई परेशान करता था तो मैं उसकी धुनाई करने से भी बाज नहीं आता था । गांव में उस समय तक एक…