अछूतो का भगवान | Kahani Achuto ka Bhagwan
चारों तरफ मैले कुचैले कपड़े पहने बच्चे दिखाई दे रहे थे । बदबू ऐसी आ रही है कि एक-दो मिनट बैठना मुश्किल है । कैसे रहते होंगे ये लोग ? क्या लोगों की जिंदगी ऐसे भी हो सकती है ?जहां जानवर भी ना रहना चाहे वहां मनुष्य रह रहे हैं। सुरेश को आज नींद नहीं…