मां शारदे | Maa Sharde

मां शारदे ( Maa Sharde )    करो मां झंकृत वीणा तार खिले उर शुचिता प्रसून, मिटे दुःख संकट भय। बहे संवेदन सरि निर्झर, सृष्टि आभा सुख शांति मय । संबंध उत्संग...

मिठास | Mithaas

मिठास ( Mithaas )    लग जाती है अगर दिल को कही किसी की बात तुम्हें तो लगती होगी तुम्हारी भी कही क्या कभी सोच हो तुमने इस बात को...

जीवन बसंत | Jeevan Basant

जीवन बसंत ( Jeevan Basant )    नेह उत्संग जीवन बसंत कर्म पुनीत धर्म पावन, यथार्थ पथ नित्य गमन । समन्वय परिस्थिति पट, आशा उमंग अंतर रमन । मैत्री प्रभा मुखमंडल संग, सकारात्मक...

मगर | Magar

मगर ( Magar )    बेशक जिंदा हो तुम अपने भीतर जी भी लोगे हाल पर अपने किंतु, क्या जी सकोगे घर के भीतर ही ! समाज जरूरी है समाज और शहर...

बसंत ऋतु | Basant Ritu

बसंत ऋतु ( Basant Ritu )    आ गए ऋतुराज बसंत चहुं ओर फैल रही स्वर्णिम आभा, सुंदर प्राकृतिक छटा में खिली पीले पुष्पों की स्वर्ण प्रभा।मां शारदे...

वसंत आया है | Basant Aaya hai

वसंत आया है ( Basant aaya hai )सुना है, एकबार फिर से बसंत आया है, एक बार फिर से बसन्ती बहार लाया, खेतों में फिर से पीली...

मैत्रेयी पुष्पा के उपन्यासों में स्त्री-जीवन के चित्र

मैत्रेयी पुष्पा के उपन्यासों में स्त्री-जीवन के चित्र  स्त्री सदैव ही अपनी अस्मिता को लेकर आवाज उठाती रही है। यह बात और है कि इस...

प्रश्नों के घेरे में | Prashno ke Ghere Mein

प्रश्नों के घेरे में ( Prashno ke Ghere Mein )   हम खड़े हैं प्रश्नों के घेरे में  उत्तर की प्रतीक्षा लिए कुछ के लापता है कुछ अस्पष्ट कुछ संदिग्ध हैं...

प्रेम में प्रदर्शन नहीं, दर्शन भाव निहित

प्रेम में प्रदर्शन नहीं, दर्शन भाव निहित   एक सुंदर सा अहसास, हर पल कारक उजास । सब अच्छा लगने लगता, दूर हो या फिर पास। अंतर्मन अनूप श्रृंगार कर, दिव्यता...

मैं गीत नहीं गाता हूॅ | Main Geet Nahi Gata Hoon

मैं गीत नहीं गाता हूॅ ( Main geet nahi gata hun )   शब्दों का खेल रचाकर, मन अपना बहलाता हूॅ। मैं गीत नहीं गाता हूॅ। कवि कर्म नहीं कुछ...