कैसी हालत है खाने के लिए | Kaisi Halat
कैसी हालत है खाने के लिए
( Kaisi halat hai khane ke liye )
कैसी हालत है खाने के लिए
मारे - मारे फिरे दाने के लिएमेरी...
आरंभ चैरिटेबल फाउंडेशन का अभिनव काव्य पाठ- बोट के अंदर “रंग...
विश्व प्रसिद्ध साहित्यिक संस्था " आरंभ चैरिटेबल फाउंडेशन " के साहित्यकारों द्वारा होली उत्सव पर बोट क्लब पर 'रंग तरंग' साहित्यिक काव्य पाठ का...
इल्म की रौशनियाँ | Ilm ki Roshniyan
इल्म की रौशनियाँ
( Ilm ki Roshniyan )
सही रास्ते की पहचान कराए इल्म की रौशनियाँ,
गहरी खाई में हमें गिराए जहालत की तारीकियाँ,
ज़िंदगी से कुछ...
मुराद | Kavita Murad
मुराद
( Murad )
एक तू ही नही खुदा के आशियाने मे
कैद हैं और भी कई इसी अफसाने मे
दर्द से हुआ है फरिग् कौन इस...
तृष्णा | Kavita Trishna
तृष्णा
(Trishna )
तृष्णाएं सदा संतृप्त, नेह से संसर्ग कर
पगडंडियां व्याकुल दिग्भ्रमित,
उच्चवाचन मरीचि प्रभाव ।
सुख समृद्धि मंगलता दूर,
निर्णयन क्षमता अभाव ।
अथक श्रम सफलता चाहना,
विराम पल...
मत मार पिचकारी | Kavita Mat Mar Pichkari
मत मार पिचकारी
( Mat Mar Pichkari )
मत मार पिचकारी, मेरी भीगी चुनरिया सारी।
रंग मत डारे रे सांवरिया, मोहन मदन मुरारी।
रंग गुलाल उड़े फागुनी,...
हे राजा हमके चौपाटी घुमाय द्या | Hey Raja
हे! राजा हमके चौपाटी घुमाय द्या
माया नगरिया कै चेहरा दिखाए द्या,
हे! राजा हमके चौपाटी घुमाय द्या। (2)सोना और चाँदी जैसी मुंबई नगरिया,
गम-गम-गमकै-गमकै लै...
सब संसार में | Kavita Sab Sansar Main
सब संसार में
( Sab Sansar Main )
तांबे की जमी होगी आफताब सर पर होगा
हश्र के मैंदा में जब हमारा मिलना होगा
होगी न जरूरत...
ये सारे सतरंगी रंग | Kavita Ye Sare Satrangi Rang
ये सारे सतरंगी रंग
( Ye Sare Satrangi Rang )
खुशी में डूबे रंग खिलखिला रहे हैं,
इतने सारे सतरंगी रंग,
कि पुष्प भी चुरा रहे है...
एक हंसती हुई लड़की | Kahani Ek Hansti Hui Ladki
लोग उसे बातूनी कहते हैं। कभी-कभी तो उसकी सहेलियां उसे निरी पागल तक कह कर चिढ़ाती हैं। ऐसा कहने पर भी चिढ़ने की जगह...