राम | घनाक्षरी छंद
राम
घनाक्षरी छंद
( 8,8,8,7 )
दोऊ भाई लगे प्यारे,
बने धर्म के सहारे।
फहराने धर्म ध्वजा,
आये मेरे श्री राम।।
दुखियों के दुख टारे,
सब कुछ दिए वारे।
वचन निभाने चले,
वन को किए धाम।।
राम -राज बना आज,
पूरन हो सभी काज।
बिगड़ी बनाते यही,
रे – मन जपो नाम।।
राम-राम रटे जाओ,
प्रभु मन बसे जाओ।
मन अभिलाषा पूरी,
पूर्ण हों सब काम।।