Shankh par kavita
Shankh par kavita

पवित्र शंख

( Pavitra shankh ) 

 

 

जगतपिता नारायण रखते जिसको अपने हाथ,

आओ करें आज हम उस पवित्र शंख की बात।

इसी शंख में होता है देवी लक्ष्मी-मैया का वास,

जिससे जुड़ी है महत्वपूर्ण और कई सारी बात।।

 

इसको घर में रखना भी बहुत शुभ माना जाता,

फूॅंक मारकर तीन-बार बजाया जिसको जाता।

विष्णु-पुराण में इसका विवरण हमको मिलेगा,

पूजा भी किया जाता एवं मंदिर में रखा जाता।।

 

देखनें से लगता है भगवान गणेश जी के जैसा,

बजाने एवं घर में रखने से सुख समृद्धि आता।

दरिद्रता का नाश यें अलौकिक शंख ही करता,

कुरुक्षेत्र युद्ध में वसुदेव ने इस्तेमाल किया था।।

 

हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र इसी को माना जाता,

श्री हरि विष्णु के बाऍं हाथ शिव के दाऍं होता।

महासागरों में जलचरों द्वारा यह बनाया जाता,

पेचदारवामावर्त व दक्षिणावर्त में ज़्यादा होता।।

 

वैज्ञानिक-लाभ वो पाता है जो इसको बजाता,

विस्तार-प्रतीक अनन्त स्थान इसे दिया जाता।

स्मरण और श्रवण शक्ति मुख का तेज बढ़ाता,

फेफड़ें को मज़बूत बनाता जो इसको बजाता।।

 

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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