Yah mera hindustan hai

यह मेरा हिंदुस्तान है | Hindi Poetry

यह मेरा हिंदुस्तान है ( Yah mera hindustan hai )   यह मेरा हिंदुस्तान है, यह मेरा हिंदुस्तान है। ध्वज तिरंगा हाथों में, ले राष्ट्रगीत गाते हैं।   सरहद के सिपाही, सीमा के सभी जवान। आंधी तूफानों से भिड़, आगे बढ़ते जाते हैं।   कूद पड़े मैदानों में, धरती मां के लाडले। बलिदानी राहों पर,…

हृदय मेरा पढ़ पाए

हृदय मेरा पढ़ पाए | kavita

हृदय मेरा पढ़ पाए ( Hriday mera padh paye )   अन्तर्मन में द्वंद बहुत है, जाकर किसे दिखाए। ढूंढ रहा हूँ ऐसा मन जो, हृदय मेरा पढ़ पाए।   मन की व्याकुलता को समझे,और मुझे समझाए। राह दिखे ना प्रतिद्वंदों से, तब मुझे राह दिखाए।   बोझिल मन पर मन रख करके,हल्के से मुस्काए।…

सावन आया उमड़ घुमड़

सावन आया उमड़ घुमड़ | Geet

सावन आया उमड़ घुमड़ ( Sawan aya umad ghumad )   बरस रही है राष्ट्रधारा, सावन उमड़ा आता। रिमझिम रिमझिम मेघा बरसे, उर आनंद समाता   काली बदरिया उमड़ घुमड़, घूम घूम घिर आये। हरियाली से भरी धरा, सबको सावन भाये।   झूम झूम मस्ती में गाते, सब मिलकर नया तराना। मंद मंद बहारें बहती,…

शिव महिमा

शिव महिमा | Shiv Mahima Par Kavita

शिव महिमा  ( Shiv Mahima Par Kavita )   हिम शिखरों से भोले के, जयकारे आते है, शंख और डमरू मिलकर, शिव कीर्तन गाते हैं।   शिव ही गगन धरा भी शिव ही, हमें बताते है, गान संग है गीत भी शिव, हम महिमा गाते हैं।   पंचतत्व निर्मित शिव से, शिव रूप दिखाते है,…

कजरी 'सावन'

कजरी सावन | Sawn Par Kavita

कजरी ‘सावन’ ( Kajari savan )   अबकी सावन में हमै चाही चीज मनमानी सैंया। बरसइ रिमझिम पानी सैया, सबदिन कहां जवानी सैंया ना।। सासु ससुर तीरथ यात्रा पर चार महीने डटे रहें। ननद रहे ससुराल में अपने जेठ भी घर से हटे रहें। पास पड़ोसी घर न आवै दूर-दूर ही कटे रहें। नदी नार…

बचपन के दिन

बचपन के दिन | kavita

बचपन के दिन ( Bachapan ke din ) पलकों  पे  अधरों  को  रख कर, थपकी देत सुलाय। नही रहे अब दिन बचपन के, अब मुझे नींद न आय।   सपने  जल गए भस्म बन गई, अब रोए ना मुस्काए, लौंटा दो कोई  बचपन के दिय, अब ना पीड़ सहाय।   किससे मन की बात कहे,…

क्रांतिवीर

क्रांतिवीर | Kranti Diwas Par Kavita

क्रांतिवीर ( क्रांति दिवस पर अमर शहीदों के जज्बातों को सादर वंदन )   है हिमालय सा हौसला, सागर सी गहराई है। क्रांति काल में वीरों ने, प्राणों की भेंट चढ़ाई है। हंसते-हंसते झूल गए, वो क्रांतिवीर कमाल हुए। राजगुरु सुखदेव भगतसिंह, भारत मां के लाल हुए।   आजादी का दीवाना, वो जिद पर अड़…

नीरज चोपड़ा

नीरज चोपड़ा | Niraj Chopra Par Kavita

नीरज चोपड़ा ( Niraj Chopra Par Kavita )   सुहाषिनी सुदर्शनी सी लगी, लो शुभ बिहान आ गया।   सौभाग्य से स्वर्णीम पदक ले, भारत का लाल आ गया।   गर्वित  हुआ  आनन्द  मन  उल्लास,  वृहद  छा  गया,   भगवा भवानी भारती के, सौन्दर्य निखर के आ  गया।     कवि :  शेर सिंह हुंकार देवरिया…

आओ करे ये सतत प्रतिज्ञा

आओ करे ये सतत प्रतिज्ञा | Kavita

आओ करे ये सतत प्रतिज्ञा ( Aao kare ye satat pratigya )   ?☘️ नारी को सम्मान नहीं तो बताओ क्या दोगे बेटी को घर में मान नहीं तो बतलाओ क्या दोगे एक घर सुधरने से बोलो क्या बदलेगा हर सोच बदलने का प्रण बोलो कब लोगे ?☘️ जब तक सारी कायनात ना बदले तो…

श्याम रंग में

श्याम रंग में | Hindi Poetry

श्याम रंग में ( Shyaam rang me )   मोरी रंग दे ओ रंगरेज चुनरिया श्याम रंग में। मेरी वाणी को अविराम सुनो मोहन के रंग में। जिसके रंग में राधा रंग गई, लोक लाज को भी जो तंज गई। ऐसा ही रंग डाल चुनरिया श्याम रंग में…   मोरी रंग दे ओ रंगरेज चुनरिया…