जगाने कौन आया है | Geet
जगाने कौन आया है ( Jagane kaun aaya hai ) भरी बरसात में मुझको जगाने कौन आया है, अंधेरी रात में दीपक जलाने कौन आया है। ये कैसा कहर कुदरत का ये कैसा शहर मुर्दों का, खुशियों से कहीं ज्यादा लगे प्रभाव दर्दों का। जगाओ चेतना अब तो बढ़ चलो आमरण सब…