Antardwand

Hindi Poetry On Life | Hindi Poem -अंतर्द्वंद

अंतर्द्वंद ( Antardwand ) ** लौट आई हैं वो जाकर, धूल धूसरित बदहवास चौखट खड़ी निराश अचंभित घरवाले सभी और नौकर चाकर। प्रश्न अनेक हैं मन में लगी आग है तन में क्या कहूं? क्या करूं सवाल? हो जाए न कुछ बवाल! सोच सभी हैं खामोश, फिर स्वागत का किया जयघोष। पहले अंदर आओ! जा…

चमौली हादसा

Hindi Kavita | Best Hindi Poetry -चमौली हादसा

चमौली हादसा ( Chamoli Haadsha ) ********** टूटा ग्लेशियर फिसला हिमयुक्त पर्वत शिखर बाढ़ नदियों में आई, कीचड़युक्त मलबे में फंस कईयों ने जान है गंवाई। टनल में कार्यरत कई मजदूर अब भी हैं लापता, जाने कहां से आई ऐसी ये आपदा? शासन, प्रशासन ने दु:ख है जताया, आपदा प्रबंधन दल ने पूरी मुस्तैदी से…

अधुरा प्यार

Adhura Pyar shayari | Hindi Poem -अधुरा प्यार

अधुरा प्यार ( Adhura Pyar )     निचोडों  ना  हृदय  मेरा,  यहाँ  यादें  हमारी  हैं। सुहानें दिन के कुछ लम्हें, तुम्हारे संग हमारी है।   चले जाना है तो जाओ,मगर ये याद रखना तुम, हमारे ना हुए  हुंकार पर,तुम्हारी यादें हमारी हैं।   अधुरा प्यार है शायद, वफा आँखों से बहता है। दबा हुंकार…

मृत्यु से पहले

Hindi Kavita | Hindi Poem | Hindi Poetry -मृत्यु से पहले

मृत्यु से पहले ( Mrityu Se Pahle ) ***** तेरे कृत्य काल दिखाएगा दिखा दिखा सताएगा तुमको सब बतलाएगा फेहरिस्त कर्मों की सामने लाएगा देखो समझो! किए क्या क्या हो? जीवन में अपने। तोड़े कितनों के सपने तुमने? जब अपने पर पड़ी है, लग रही बहुत बड़ी है! कष्ट अनंत है दर्द असह्य है प्रतिफल…

कष्ट निशा के मन का

Hindi Kavita | Hindi Poem -कष्ट निशा के मन का

कष्ट निशा के मन का ( Kasht Nisha Ke Man Ka )     चंदा तुमसे कहां छुपा है, कष्ट निशा के मन का । चलते चलते छुप जाते हो, करो प्रयास हरन का ।।   एक पत्ती जो हिली हवा से, सिहर सिहर वो उठती। मूर्तरूप लेती कुछ यांदे, लहर क्षोभ की उठती ।।…

आफर

Hindi Poetry On Life | Hindi Poem -आफर

आफर ( Offer )   क्या  कोई  ऐसा  भी  है  जो, दुखी  हृदय  घबराए। प्रेम दिवस पर मुझे बुलाकर,पिज्जा, केक खिलाए।   इससे  पहले  भाग्य  अभागा, सिंगल  ही मर जाए। फोन  करे  हुंकार  को  पहले, आकर  आफर पाए।   आँखों  मे  आँखो  को  डाले, मन  की  बात  करेगे। पुष्प  गुलाब  का  तुम  ले आना, बालों…

उलझन

Hindi Poetry On Life | Hindi Poem -उलझन

उलझन ( Uljhan )   मचा  हुआ  है  द्वंद  हृदय में, कैसे इसको समझाए। यायावर सा भटक रहा मन, मंजिल तक कैसे जाए।   उलझी  है जीवन  हाथों की,टेढी मेढी  रेखाओ में। एक सुलझ न पायी अब तक,दूजी कैसे सुलझाए।   वो मुझको चाहत से देखे,  पर मन मेरे और कोई। मेरे मन मे रमा…

छोड़ो कल की बातें

Chhodo Kal Ki Baatein | Kavita -छोड़ो कल की बातें

छोड़ो कल की बातें ( Chhodo Kal Ki Baatein )   छोड़ो कल की बातें जल्दी से संभालो अपना आज; क्योंकि इसी में छिपे हैं- तुम्हारी सफलता के सारे राज छोड़ो कल की बातें ।   कल क्या हुआ, कल क्या होगा इसकी क्यों करते हो फ़िक्र ? वर्तमान में जो लक्ष्य दिखता उस तक…

शिक्षा

Shiksha Kavita | Shiksha Par Kavita | Poem On Shiksha -शिक्षा

शिक्षा ( Shiksha )   जगत में शिक्षा है आधार। शिक्षा बिना धुंध सा जीवन शिक्षा मुक्ती द्वार।। जगत में० ।। अनपढ़ मूढ़ निरक्षर क्या -क्या शव्द बुलाये जाते, इन  लोगों  से  भेड़  बकरियां  पशु चरवाये जाते, पढ़ें – लिखे मुट्ठी भर लोग तब करते अत्याचार।। जगतमें० ।। शिक्षा बिना न मिले नौकरी दर-दर ठोकर…

बचपन

Kavita On Bachpan | Hindi Kavita | Bachpan Kavita -बचपन

बचपन ( Bachpan ) कितना सुंदर बचपन का जमाना होता था खुशियों का बचपन खजाना होता था । चाहत चांद को पाने की दिल तितली का दीवाना होता था । खबर ना थी सुबह की बस शाम का ठिकाना होता था । थक हार कर स्कूल से जब आते झटपट खेलने भी जाना होता था…