रिश्ता

Hindi Poetry On Life | Hindi Poem | Hindi Poetry -रिश्ता

रिश्ता ( Rishta )   कैसा रिश्ता,कब का रिश्ता. सब तो है मतलब का रिश्ता. जात,खून,मजहब का रिश्ता, सबसे बढिया रब का रिश्ता. मिलता नहीं अब *ढब* का रिश्ता,(ढंग) गायब प्रेम,अदब का रिश्ता. दौलत और *मनसब*का रिश्ता,(पद/प्रतिष्ठा) है दोनों मेंं गज़ब का रिश्ता. चुंबन से ज्यों *लब*का रिश्ता,(ओठ) निभता दिन और*शब*का रिश्ता।(रात) दृढ़ है नेक*सबब*…

जिंदगी इस तरह फिजूल किया

Hindi Poetry On Life | जिंदगी इस तरह फिजूल किया

जिंदगी इस तरह फिजूल किया ( Zindagi Is Tarah Fizool Kiya )   जिंदगी इस तरह फिजूल किया। हार कर हार न कबूल किया।। तुम तो अपनी अना पे खड़े रहे, मैंने ही खुद को बेउसूल किया।। जिंदगी तुझसे शिकायत भी नही, तूने जब चाहा हमें धूल किया।। लोग अंधियारे में खुश लगते है, हमें…

प्रेम अगन

Hindi Poetry On Life | Hindi Poem | Love Kavita -प्रेम अगन

प्रेम अगन ( Prem Agan )   बचना  होगा   प्रेम  अगन से, इसमे  ज्वाला ज्यादा है। सुप्त सा ये दिखता तो है पर,तपन बहुत ही ज्यादा है।   जो भी उलझा इस माया में, वो ना कभी बच पाया है, या तो जल कर खाक हुआ या, दर्द फफोला पाया है।   कोई कुछ भी…

Antardwand

Hindi Poetry On Life | Hindi Poem -अंतर्द्वंद

अंतर्द्वंद ( Antardwand ) ** लौट आई हैं वो जाकर, धूल धूसरित बदहवास चौखट खड़ी निराश अचंभित घरवाले सभी और नौकर चाकर। प्रश्न अनेक हैं मन में लगी आग है तन में क्या कहूं? क्या करूं सवाल? हो जाए न कुछ बवाल! सोच सभी हैं खामोश, फिर स्वागत का किया जयघोष। पहले अंदर आओ! जा…

मृत्यु से पहले

Hindi Kavita | Hindi Poem | Hindi Poetry -मृत्यु से पहले

मृत्यु से पहले ( Mrityu Se Pahle ) ***** तेरे कृत्य काल दिखाएगा दिखा दिखा सताएगा तुमको सब बतलाएगा फेहरिस्त कर्मों की सामने लाएगा देखो समझो! किए क्या क्या हो? जीवन में अपने। तोड़े कितनों के सपने तुमने? जब अपने पर पड़ी है, लग रही बहुत बड़ी है! कष्ट अनंत है दर्द असह्य है प्रतिफल…

कष्ट निशा के मन का

Hindi Kavita | Hindi Poem -कष्ट निशा के मन का

कष्ट निशा के मन का ( Kasht Nisha Ke Man Ka )     चंदा तुमसे कहां छुपा है, कष्ट निशा के मन का । चलते चलते छुप जाते हो, करो प्रयास हरन का ।।   एक पत्ती जो हिली हवा से, सिहर सिहर वो उठती। मूर्तरूप लेती कुछ यांदे, लहर क्षोभ की उठती ।।…

आफर

Hindi Poetry On Life | Hindi Poem -आफर

आफर ( Offer )   क्या  कोई  ऐसा  भी  है  जो, दुखी  हृदय  घबराए। प्रेम दिवस पर मुझे बुलाकर,पिज्जा, केक खिलाए।   इससे  पहले  भाग्य  अभागा, सिंगल  ही मर जाए। फोन  करे  हुंकार  को  पहले, आकर  आफर पाए।   आँखों  मे  आँखो  को  डाले, मन  की  बात  करेगे। पुष्प  गुलाब  का  तुम  ले आना, बालों…

उलझन

Hindi Poetry On Life | Hindi Poem -उलझन

उलझन ( Uljhan )   मचा  हुआ  है  द्वंद  हृदय में, कैसे इसको समझाए। यायावर सा भटक रहा मन, मंजिल तक कैसे जाए।   उलझी  है जीवन  हाथों की,टेढी मेढी  रेखाओ में। एक सुलझ न पायी अब तक,दूजी कैसे सुलझाए।   वो मुझको चाहत से देखे,  पर मन मेरे और कोई। मेरे मन मे रमा…

छोड़ो कल की बातें

Chhodo Kal Ki Baatein | Kavita -छोड़ो कल की बातें

छोड़ो कल की बातें ( Chhodo Kal Ki Baatein )   छोड़ो कल की बातें जल्दी से संभालो अपना आज; क्योंकि इसी में छिपे हैं- तुम्हारी सफलता के सारे राज छोड़ो कल की बातें ।   कल क्या हुआ, कल क्या होगा इसकी क्यों करते हो फ़िक्र ? वर्तमान में जो लक्ष्य दिखता उस तक…

बचपन

Kavita On Bachpan | Hindi Kavita | Bachpan Kavita -बचपन

बचपन ( Bachpan ) कितना सुंदर बचपन का जमाना होता था खुशियों का बचपन खजाना होता था । चाहत चांद को पाने की दिल तितली का दीवाना होता था । खबर ना थी सुबह की बस शाम का ठिकाना होता था । थक हार कर स्कूल से जब आते झटपट खेलने भी जाना होता था…