विवाह पंचमी | Vivah Panchami
विवाह पंचमी
( Vivah Panchami )
राम तभी से, सिया राम हो गए
मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी अद्भुत,
चेतना प्रकृति मिलन अवसर ।
दैविक उपमा राम सीता विवाह
सर्वत्र सनातनी संस्कृति असर ।
धर्म आस्था परम शिखर,
कलयुग भाव त्रेता सम हो गए।
राम तभी से, सिया राम हो गए ।।
उपवन गमन ध्येय पूजन पुष्प,
सखियों संग जनक दुलारी विहार ।
दर्शन कर राम सुदर्शन छवि,
अंतर्मन अथाह आनंद संचार ।
दशरथ नंदन देख सिय आभा ,
प्रेम मृदुल अनुभूति सह खो गए ।
राम तभी से, सिया राम हो गए ।।
राजा जनक दिव्य धनुष यज्ञ,
दूरस्थ राज्य कुमार गण पदार्पण ।
राम लक्ष्मण गुरु वशिष्ठ सानिध्य,
शुभ उपस्थिति मंगल समर्पण ।
विच्छेदन श्रृंगार शिव जी पिनाक,
राम स्वयंवर विजयी हो गए ।
राम तभी से, सिया राम हो गए ।।
अति हर्षित गर्वित त्रिलोक,
रज रज साक्षी अभिवंदन ।
राम मुखमंडल भव्य मुस्कान,
सीता वरमाला सहर्ष अभिनंदन ।
सृष्टि सर्व शब्द स्वर तत समय,
मनमोहक परिणय गीत हो गए ।
राम तभी से, सिया राम हो गए ।।
नवलगढ़ (राजस्थान)