hindi poetry on life -मृत्यु!
मृत्यु!
( Mrityu )
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( Mrityu )
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तभी तो मां कहलाती हैं ( Tabhi to maa kahlati hai ) खुद का निवाला छोड़, अपने बच्चे की थाली सजाती है। तभी तो मां कहलाती है देख मुस्कान औलाद के चेहरे पर, अपने सब गम भूल जाती है। तभी तो मां कहलाती है परवाह नहीं जमाने की, सिर्फ अपने बच्चों की खैरियत चाहती…
नसीब ( Naseeb : Hindi Kavita ) नसीब निखर जाता है, तकदीर भी मुस्काती है। सारे ग्रह साथ देते, खुशियों की घड़ी आती है। सेवा स्नेह संस्कार भर, विनय भाव पलता है। सद्भावो की धारा में, पुष्प भाग्य का खिलता है। किस्मत के तारे चमकते, सुखों का लगता अंबार। अनुराग दिलों में …
सालासर बालाजी धाम मनोकामनाएं पूर्ण हो रहीं, सालासर दरबार में राजस्थान सुजानगढ़ अवस्थित, बाला जी महाराज परम स्थल । हर कदम दिव्यता स्पंदन, आध्यात्म ओज प्रभाव सकल । दर्शन अनुपमा हर्षल प्रियल, अनंत खुशियां भक्त वत्सल चमत्कार में । मनोकामनाएं पूर्ण हो रहीं, सालासर दरबार में ।। शुभ स्थापना श्रेय मोहन दास , मूर्ति…
एक शादी ऐसा भी ( Ek Shadi Aisa Bhi ) अनंत-राधिका की शाही शादी को देखा, करोड़ों की कुबेर में लिपटते हुए देखा , हालीवुड,वालीवुड को थिरकते हुए देखा, राजनयिकों,राजाओं की अगुवाई को देखा, योग के शलाकपुरूष का योगाभ्यास को देखा, काशी विश्वनाथ के मठाधीशों को देखा, गरीब-गुरबे ,भूखों की आहट को न सुना ।…
हिंदू नव वर्ष ( Hindu Nav Varsh ) मोहक पल्लव सुगंधि, पिंगल के अभिनंदन में चैत्र मास शुक्ल प्रतिपदा, अद्भुत अनुपम विशेष । नव सत्संवर अनूप बेला, रज रज आनंद अधिशेष । धरा गगन पुनीत पावन, जनमानस रत साधना वंदन में । मोहक पल्लव सुगंधि, पिंगल के अभिनंदन में ।। प्रकृति अंतर यौवन उभार,…
या खुदा कर दे रिहा ( Ya khuda kar de riha ) हर पल यूँ ही आँखे भर जाना उदासी को दर्शाती है, खामोश रह, सब कुछ बर्दाश करना घुटन को बतलाती है ।। ये खुदा मुझे बहरा बना दे, कि कुछ सुन न सकूँ । या खुदा पत्थर दिल बना दे कि…
तभी तो मां कहलाती हैं ( Tabhi to maa kahlati hai ) खुद का निवाला छोड़, अपने बच्चे की थाली सजाती है। तभी तो मां कहलाती है देख मुस्कान औलाद के चेहरे पर, अपने सब गम भूल जाती है। तभी तो मां कहलाती है परवाह नहीं जमाने की, सिर्फ अपने बच्चों की खैरियत चाहती…
नसीब ( Naseeb : Hindi Kavita ) नसीब निखर जाता है, तकदीर भी मुस्काती है। सारे ग्रह साथ देते, खुशियों की घड़ी आती है। सेवा स्नेह संस्कार भर, विनय भाव पलता है। सद्भावो की धारा में, पुष्प भाग्य का खिलता है। किस्मत के तारे चमकते, सुखों का लगता अंबार। अनुराग दिलों में …
सालासर बालाजी धाम मनोकामनाएं पूर्ण हो रहीं, सालासर दरबार में राजस्थान सुजानगढ़ अवस्थित, बाला जी महाराज परम स्थल । हर कदम दिव्यता स्पंदन, आध्यात्म ओज प्रभाव सकल । दर्शन अनुपमा हर्षल प्रियल, अनंत खुशियां भक्त वत्सल चमत्कार में । मनोकामनाएं पूर्ण हो रहीं, सालासर दरबार में ।। शुभ स्थापना श्रेय मोहन दास , मूर्ति…
एक शादी ऐसा भी ( Ek Shadi Aisa Bhi ) अनंत-राधिका की शाही शादी को देखा, करोड़ों की कुबेर में लिपटते हुए देखा , हालीवुड,वालीवुड को थिरकते हुए देखा, राजनयिकों,राजाओं की अगुवाई को देखा, योग के शलाकपुरूष का योगाभ्यास को देखा, काशी विश्वनाथ के मठाधीशों को देखा, गरीब-गुरबे ,भूखों की आहट को न सुना ।…
हिंदू नव वर्ष ( Hindu Nav Varsh ) मोहक पल्लव सुगंधि, पिंगल के अभिनंदन में चैत्र मास शुक्ल प्रतिपदा, अद्भुत अनुपम विशेष । नव सत्संवर अनूप बेला, रज रज आनंद अधिशेष । धरा गगन पुनीत पावन, जनमानस रत साधना वंदन में । मोहक पल्लव सुगंधि, पिंगल के अभिनंदन में ।। प्रकृति अंतर यौवन उभार,…
या खुदा कर दे रिहा ( Ya khuda kar de riha ) हर पल यूँ ही आँखे भर जाना उदासी को दर्शाती है, खामोश रह, सब कुछ बर्दाश करना घुटन को बतलाती है ।। ये खुदा मुझे बहरा बना दे, कि कुछ सुन न सकूँ । या खुदा पत्थर दिल बना दे कि…
तभी तो मां कहलाती हैं ( Tabhi to maa kahlati hai ) खुद का निवाला छोड़, अपने बच्चे की थाली सजाती है। तभी तो मां कहलाती है देख मुस्कान औलाद के चेहरे पर, अपने सब गम भूल जाती है। तभी तो मां कहलाती है परवाह नहीं जमाने की, सिर्फ अपने बच्चों की खैरियत चाहती…
नसीब ( Naseeb : Hindi Kavita ) नसीब निखर जाता है, तकदीर भी मुस्काती है। सारे ग्रह साथ देते, खुशियों की घड़ी आती है। सेवा स्नेह संस्कार भर, विनय भाव पलता है। सद्भावो की धारा में, पुष्प भाग्य का खिलता है। किस्मत के तारे चमकते, सुखों का लगता अंबार। अनुराग दिलों में …
सालासर बालाजी धाम मनोकामनाएं पूर्ण हो रहीं, सालासर दरबार में राजस्थान सुजानगढ़ अवस्थित, बाला जी महाराज परम स्थल । हर कदम दिव्यता स्पंदन, आध्यात्म ओज प्रभाव सकल । दर्शन अनुपमा हर्षल प्रियल, अनंत खुशियां भक्त वत्सल चमत्कार में । मनोकामनाएं पूर्ण हो रहीं, सालासर दरबार में ।। शुभ स्थापना श्रेय मोहन दास , मूर्ति…
एक शादी ऐसा भी ( Ek Shadi Aisa Bhi ) अनंत-राधिका की शाही शादी को देखा, करोड़ों की कुबेर में लिपटते हुए देखा , हालीवुड,वालीवुड को थिरकते हुए देखा, राजनयिकों,राजाओं की अगुवाई को देखा, योग के शलाकपुरूष का योगाभ्यास को देखा, काशी विश्वनाथ के मठाधीशों को देखा, गरीब-गुरबे ,भूखों की आहट को न सुना ।…
हिंदू नव वर्ष ( Hindu Nav Varsh ) मोहक पल्लव सुगंधि, पिंगल के अभिनंदन में चैत्र मास शुक्ल प्रतिपदा, अद्भुत अनुपम विशेष । नव सत्संवर अनूप बेला, रज रज आनंद अधिशेष । धरा गगन पुनीत पावन, जनमानस रत साधना वंदन में । मोहक पल्लव सुगंधि, पिंगल के अभिनंदन में ।। प्रकृति अंतर यौवन उभार,…
या खुदा कर दे रिहा ( Ya khuda kar de riha ) हर पल यूँ ही आँखे भर जाना उदासी को दर्शाती है, खामोश रह, सब कुछ बर्दाश करना घुटन को बतलाती है ।। ये खुदा मुझे बहरा बना दे, कि कुछ सुन न सकूँ । या खुदा पत्थर दिल बना दे कि…