अनलाॅक 4.0

अनलाॅक 4.0 | Kavita unlock 4.0

अनलाॅक 4.0

( Unlock 4.0 )

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लाॅकडाउन से छुटकारा मिला है,
कोरोना से नहीं!
बाजार जाएं शौक से
पर बरतें सावधानियां कई?
बात नहीं है कोई नई,
सारी हैं वही।
लापरवाही पड़ सकती है भारी,
निकल जाएगी सारी होशियारी।
संक्रमण से रहना है बचकर,
तो निकलो मास्क पहनकर।
व्यक्तिगत दूरी का भी रखें ख्याल,
अपनों की सेहत का है सवाल ।
पौष्टिक भोजन करें,
तैलीय खाद्य पदार्थों से बचें।
संक्रमण का खतरा टला नहीं है,
अभी इसकी कोई दवा भी नहीं है।
बुजुर्गो , बच्चों को जाने न दें बाहर-
खेल खिलाएं,
पहेलियां बुझाएं।
कहानियां सुनें सुनाएं,
घर के अंदर ही सबका-
मनोरंजन हो जाए।
कोरोना का भय भी दूर हो जाए,
मन मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव भी न पड़ पाए।
गर्म पेय पदार्थों का करें सेवन,
इम्यूनिटी बढ़ाएं।
घर को ही समझें हेवन ;
खाएं च्यवनप्राश-
जो बना गए हैं ऋषि च्यवन।
सभी सावधानियां पूर्व की तरह बरतें,
बार बार हाथ रहें धोते।
नियमित करें योग प्राणायाम,
या फिर करें कोई व्यायाम।
खुद बचे रहेंगे तो
सबको बचा लेंगे,
एकबार आफत मोल ली तो
सिर्फ पछताएंगे।
बिन गलती औरों को भी-
संक्रमित कर सजा दें जाएंगे,
जिसे हम सब कभी माफ न कर पाएंगे।

 

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नवाब मंजूर

लेखक– मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर

सलेमपुर, छपरा, बिहार ।

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बादल | Badal par kavita

 

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