Ghazal Zindagi ki Kahani

जिंदगी की कहानी | Ghazal Zindagi ki Kahani

जिंदगी की कहानी

( Zindagi ki Kahani )

 

कहूँ किस तरह जिंदगी की कहानी
घिरी दर्द में ही रही जिंदगानी

कभी अपने तो गैरों ने भी रुलाया
भरा ही रहा दोनों आँख ही पानी

क़दम पर क़दम दर्द था थी घुटन भी
पड़ी जिंदगी से उसे भी निभानी

बुने साथ में ख्वाब जब कहकशाँ में
भुलाई गई कब कभी शब सुहानी

चढ़ी इश्क़ जब सिर रहे हम न हम तब
दिवानी हुई इश्क़ की तब ये रानी

मिटाया कभी इश्क़ के वास्ते जाँ
हुई भी सफल तब ‘सुधा’ वो जवानी

Dr. Sunita Singh Sudha

डा. सुनीता सिंह ‘सुधा’
( वाराणसी )
यह भी पढ़ें:-

सदी बन जाइए | Ghazal Sadi Ban Jaaiye

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *