ऐसा कौन करता है | Kavita
ऐसा कौन करता है?
( Aisa kon karta hai )
( Aisa kon karta hai )
बूँद बचाये ( Boond bachaye ) बूँद बूँद से सागर भरता बूँद बूँद से गागर हम बूँद बचाएंगे तो भर जायेगा चापाकल बर्षा का जल तो अमृत है होता पर सब कोई उसे है खाता बोल रही कब से ये हमारी जमीन है जल नहीं पेयजल की बड़ी कमी है अब सब जन इस…
धन्य है वह अयोध्या नगरी ( Dhanya hai wah ayodhya nagari ) धन्य है वह अयोध्या नगरी जहां जन्में थें श्रीराम, भरत लक्ष्मण और शत्रुघ्न के बड़े भ्राता श्रीराम। सबको गले लगाया अद्भुत अद्भुत किए थें काम, मर्यादा पुरूषोत्तम कहलाएं वो भगवान श्रीराम।। धर्म का पाठ पढ़ाकर आपने दिया सब को ज्ञान, ज़रुरतमंद…
पडोसन ( Padosan ) लगा ली छत पें मैने बाग, पडोसन के आते ही। कोई पूछे नही सवाल, लगा ली मैने खूब उपाय॥ मुझे दिन मे दिखता चाँद, पडोसन के आते ही…. सुबह सबेरे योगा करने जब वो छत पर आती है। ठंडी हवा की खुँशबू बन, अन्तर्मन को महकाती है॥ मेरे दिल को…
नफरत की दुनिया ( Nafrat ki duniya ) कितनी अजीब है यह कितनी लगे बेगानी नफरत की यह दुनिया ये कैसी है कहानी झूठ कपट भरा पड़ा इस मतलबी संसार में नफरतों का जहर घुला लोगों के व्यवहार में तीर सरीखे बोल कड़वे शक की सुई घूमती वहम की कोई दवा नहीं…
विकल्प ( Vikalp ) हजार अच्छाइयों के होते हुए भी आई एक बुराई ,बना देती है दागदार पूरे जीवन को बादे उसके ,लाख अच्छाइयां भी धुल नहीं पातीं उसे लगे एक दाग को उम्र भर आदत नहीं है लोगों की स्वयं को टटोलकर देखने की औरों के ताक झांक और औकात की परखा परखी…
बादल ( Badal ) *** ओ रे ! काले काले बादल, बरस जा अब, सब हो गए घायल ! धरती अंबर आग उगल रहे, ऊष्मा से ग्लेशियर पिघल रहे! सूख गए हैं खेतों के मेड़, बरसो जम कर- अब करो न देर । ओ रे ! काले काले बादल… बरसो … हर्षे बगिया, हर्षे मुनिया।…