सुनहरी यादें

सुनहरी यादें | Kavita sunheri yaadein

सुनहरी यादें ( sunheri yaadein )   तुमसे मिले थे पहली दफा याद है अब भी मुझे वो तुम्हारी सुनहरी यादें।   भुलाई नहीं जा रही है अब भी दिल से वो सुनहरी यादें जब हम ने बहुत अरमान अपने दिल में संजोए थे सोचा था, मिलेंगे जब भी हम चाहेंगे टूट कर एक-दूसरे को।…

जिन्दगी का सफर

जिन्दगी का सफर | Zindagi ka safar kavita

 “जिन्दगी का सफर”  ( Zindagi ka safar ) सफर जिन्दगी का कठिन है, “नामुमकिन”नहीं || राह-नई मंजिल-नई, हम भी नए जमाने में | जाने कब कहाँ पहुँचेंगे, जाने किस ठिकाने में | जब से जीना सीखा हमने, दिन-रात चुनौती रहती है | सफर हमारा जारी है, स्वीकर हर चुनौती रहती है |   सफर जिन्दगी…

प्रथम-गुरू

प्रथम-गुरू | Pratham guru kavita

“प्रथम-गुरू” ( Pratham guru )   गुरु है ब्रम्हा-गुरु है विष्णु, गुरु हैं मेरे महेश्वरा प्रथम गुरु मेरे मात-पिता, दिया जनम दिया आसरा उनके जैसा धरती में क्या, नहीं अम्बर में भी दूसरा पाल-पोस कर बड़ा किया, नहीं होने दी कमी कोई प्यार नहीं कोई उनके जैसा, न ही मिलावट है कोई गुरु है ब्रम्हा,गुरु…

प्यासा हूँ मैं

प्यासा हूँ मैं | Pyasa hoon main ghazal

 प्यासा हूँ मैं  ( Pyasa hoon main )   उल्फ़त का ही प्यासा हूँ मैं वो  बदला  आवारा  हूँ  मैं    यार रहूं ख़ुश कैसे मैं अब अंदर  से  ही  टूटा  हूँ  मैं   भेज ख़ुदा दोस्त यहां अब तो जीवन  में  रब  तन्हा  हूँ  मैं   लोगों ने बदनाम किया है यार शराब न…

रक्षा-बन्धन

रक्षा-बन्धन | Raksha bandhan kavita

“रक्षा-बन्धन”   –>लो आ गई राखी…….|| बाजार खुल गया राखी का, चमचम चमके राखी | कोई खरीदे खेल-खिलौने, कोई खरीदे राखी | कहीं पे मम्मी कही पे बहना, कर रही हैं शॉपिंग | कहीं पे मुरली लेकर बच्चे, कर रहे हैं पंपिंग | –>लो आ गई राखी …….|| मम्मी घर पर तरह-तरह के, बना रही…

सावन

सावन | Swan kavita

सावन  ( Sawan )   –> आया सावन झूमते, धरती को यूं चूमते || 1.फूल खिल रहे बगियन में, रंग बिरंगे तरह-तरह | बादलों में बिजली चमके, रिम-झिम बरसे जगह-जगह | कहीं मूसलाधार हो बारिश, टिम-टिम बरसे कहीं-कहीं | कोई कहता रुक जा मालिक, कहता कोई नहीं-नहीं | –>आया सावन झूमते, धरती को यूं चूमते…

समेट लूं

समेट लूं | Samet lun ghazal

 समेट लूं  ( Samet lun )   ⛅ मैं प्यार का उसके रिश्ता समेट लूं वो उम्रभर दिल में चेहरा समेट लूं ⛅ ख़ुशबू बनके सदा मुझमे महके वही की अंश साँसों में उसका समेट लूं ⛅ जो साथ में गुजरे पल है उसके कभी दिल में अपने मैं वो लम्हा समेट लूं ⛅ जो…

आओ माँ

आओ माँ | Aao maa kavita

 ” आओ माँ ”  ( Aao Maa )   –> आओ मेरी जगत्-जननी माँ…….|| 1.आओ मेरी जगदानन्दी, मेरे घर आंगन में | स्वागत है अभिनन्दन है, मेरे घर आंगन में | नौ दिन नौ रुप में आना, मेरे घर आंगन में | ममता की नजरें फैलाना, मेरे घर आंगन में | –> आओ मेरी जगत्-जननी…

बोझिल सांसें

बोझिल सांसें | Bojhil saansein ghazal

 बोझिल सांसें  ( Bojhil saansein )   ❣️ रोज़ निकली दिल से ही आहें बहुत आजकल बोझिल रहती सांसें बहुत ❣️ ढूंढ़ता ही मैं रहा राहें वफ़ा बेवफ़ा मिलती रही राहें बहुत ❣️ जख़्म कुछ ऐसे मिले अपनों से है रोज़ अश्कों में भीगी आंखें बहुत ❣️ प्यार की बातें नहीं वो करते है अपने…

कोई मिले तो सही मुझे भी दिल लगाना है

दिल लगाना है मुझे भी | Ghazal by Nepali Urdu poet

 दिल लगाना है मुझे भी  ( Dil lagana hai mujhe bhi )     अमीर खुसरो से लेकर गुलज़ार, ग़ालिब है दीवाना बचूंगा भला मैं कैसे इस मुहब्बत से दिल लगाना है मुझे भी दिलकशी जानना है जान – ए- बहार के वक़्त रश्क-ए-चमन में मुझे भी यारी का खुसबू लुटाना है कोई मिले तो सही मुझे भी दिल लगाना है खुद की क़त्ल की तैयारी कर रहा हूँ मेरे यार मुहब्बत करना है, और करना भी क्या है मेरे यार ज़ोहरा-जबीं, तेरे नूर से अपनी नफ़्स को सजाना है भले देर से मिलो मगर तुम्हे कसकर गले लगाना है सर भारी है और बदन को भी पाक होनी है जिस रोज इश्क़-ए-मान, तुम मिलोगी…