वक़ार भूल बैठे | Waqar Bhool Baithe
वक़ार भूल बैठे ( Waqar bhool baithe ) जो मिला था क़ुर्बतों में, वो क़रार भूल बैठे वो ज़रा सी देर में क्यों, मेरा प्यार भूल बैठे लगे हर ख़ुशी पराई, लगे ग़म ही आशना अब यूँ ख़िज़ाँ ने दिल है तोड़ा, कि बहार भूल बैठे मुझे फ़िक्र रोटियों की , ये कहाँ पे…