Ghazal Lines in Hindi

तयशुदा कागज़ों पर बयानी हुई | Ghazal Lines in Hindi

तयशुदा कागज़ों पर बयानी हुई ( Tayashuda kagazon par bayani hui )   तयशुदा कागज़ों पर बयानी हुई हम ग़रीबों की क्या ज़िंदगानी हुई एक पागल ने खोले थे दिल के वरक़ सारी दुनिया मगर पानी-पानी हुई तेरी आँखों में अब भी है रंग-ए-हिना इतनी संजीदा कैसे कहानी हुई उनसे मिलते ही इतने दिये जल…

Muhabbat mein

मुहब्बत में इशारे बोलते हैं | Muhabbat mein

 मुहब्बत में इशारे बोलते हैं ( Muhabbat mein ishare bolte hain )   फ़लक से चाँद तारे बोलते हैं मुहब्बत में इशारे बोलते हैं तुम्हीं ने रौनक़े बख़्शी हैं इनको यहाँ के सब नज़ारे बोलते हैं बहुत गहरा है उल्फ़त का समुंदर मुसाफिर से किनारे बोलते हैं बहुत मुश्किल सफ़र है ज़िन्दगी का थके हारे…

Bewafai Ghazal

बेवफ़ाई किसी ने | Bewafai Ghazal

बेवफ़ाई किसी ने ( Bewafai kisi ne )   बिगाड़ी किसी ने बनाई किसी ने कभी दिल्लगी कब निभाई किसी ने। फिज़ा में उदासी घुली आज़ क्यूं है कहीं की है फ़िर बेवफ़ाई किसी ने। अगर तल्ख़ियां हों रखो फ़ासले तुम मुझे बात ये थी सिखाई किसी ने। मुझे भूल कर ख़ुश नहीं संगदिल वो…

Nayan ki Ghazal

ग़ज़ल | Nayan ki Ghazal

ग़ज़ल ( Ghazal )    ( काफ़िया ईर की बंदिश रदीफ़ ग़ज़लों में )   मुहब्बत की कभी रूठी रही तक़दीर गज़लों में किसी को मिल गई है ख़्वाब की ताबीर ग़ज़लों में। वही उम्दा सुखन है हो जहां पर शायरी गहरी बहर अर्कान पैमाना कि हो तहरीर ग़ज़लों में। लुटी जिसकी मुहब्बत पा रहा…

Muhabbat na Jaane

मुहब्बत न जाने | Muhabbat na Jaane

मुहब्बत न जाने ( Muhabbat na jaane )    करेगा मुहब्बत शराफत न जाने परस्तिश इबादत अकीदत न जाने। मिरा दिल चुराया उसी आदमी की चली क्यूं सदा बादशाहत न जाने। किया नाम दिल है उसी के मगर क्यूं वही एक अपनी वसीयत न जाने। नज़र आ गया ईद का चांद लेकिन दिखे कब तलक…

Ghazal Bhoolna Hoga

भूलना होगा | Ghazal Bhoolna Hoga

भूलना होगा ( Bhoolna hoga )    हमें ये लग रहा है की उसे अब भूलना होगा मनाया है बहुत इस बार लेकिन रूठना होगा। बहुत मसऱूफ़ है वो आजकल सब महफ़िलें छोड़ी मगर रहता कहां है आज उससे पूछना होगा। हमारी चाहतों ने कर दिया मग़रूर उस बुत को बना है वो ख़ुदा कहता…

Shayari on Bewafai

किसी की बेवफाई में | Shayari on Bewafai

किसी की बेवफ़ाई में ( Kisi ki bewafai mein )    ख़ुदाया ये बता क्या ख़ास है तेरी ख़ुदाई में यहां हर शख़्स मुज़रिम है किसी की बेवफ़ाई में। अग़र बातें करूं दिल की बदल देते सनम मौज़ू हमें ये लग रहा वो ख़ुश बड़े हमसे जुदाई में सबक हमको सिखाते दीन का ख़ुद को…

Zid Shayari

वो नहीं ज़िद ठानता | Zid Shayari

वो नहीं ज़िद ठानता ( Wo nahi zid thanta )    वो नहीं ज़िद ठानता तो मुख़्तलिफ हालात होते इस चमन में ग़ुल भी खिलता महकते लम्हात होते। अब बहुत ही मुख़्तसर सी गुफ़्तगू होती हमारी दिन हुए कुछ इस तरह रस्म़न ज़रा सी बात होते। जीतने की थी हमें आदत मगर अब हाल है…

Poem Ek Nagma Pyar ka

एक नगमा प्यार का | Poem Ek Nagma Pyar ka

एक नगमा प्यार का ( Ek nagma pyar ka )    आ गए तो रस्म़ महफ़िल की निभाते जाइए एक नग़मा प्यार का सबको सुनाते जाइए। कौन है क्या कह रहा अब फ़िक्र इसकी छोड़िए मुस्कुराकर दिल रक़ीबों का जलाते जाइए। दो जहां को छोड़ दें हम आपकी ख़ातिर सनम है फ़क़त ये शर्त की…

Poem Zindagi Khatam hui

ज़िन्दगी खत्म हुई | Poem Zindagi Khatam hui

ज़िन्दगी खत्म हुई ( Zindagi khatam hui )    जिंदगी खत्म हुई उन्हें पुकारते हुए उनको जीतते हुए हमको हारते हुए क़ौल वो क़रार जो उन्हें तो याद भी नहीं बस उसी क़रार पर उमर गुज़ारते हुए । चार दिन के प्यार का चढ़ा हुआ जो कर्ज़ था हाथ कुछ बचा नहीं उसे उतारते हुए।…