स्त्री मन सदा कुंवारा

स्त्री मन सदा कुंवारा

स्त्री मन सदा कुंवारा कोमल निर्मल सरस भाव, अंतर अनंत मंगल धार । त्याग समर्पण प्रतिमूर्ति, धैर्य संघर्ष जीवन सार । सृजन अठखेलियों संग, अनामिक अविरल धारा । स्त्री मन सदा कुंवारा ।। अप्रतिम श्रृंगार सृष्टि पटल, स्नेहगार दया उद्गम स्थल । पूजनीय कमनीय शील युत, नैतिक अवलंब दृष्टि सजल । आत्मसात नित्य यथार्थ बिंदु,…

अजेय इंडिया हमारा

अजेय इंडिया हमारा

अजेय इंडिया हमारा आन-बान-शान की निशानी है इंडिया जीत टी-20 का प्रमाण है इंडिया परचम अजेय का गगनचुम्बी है इंडिया पंख जज्बा-जोश की बुलंदी है इंडिया विजयी विराट की लहर है इंडिया वैश्विक चुनौतियों का सामना है इंडिया शेखर कुमार श्रीवास्तव दरभंगा( बिहार) यह भी पढ़ें :-  बचपन लौटा दो | Kavita Bachpan lauta do

मेरा प्यार 

मेरा प्यार | Kavita Mera Pyar

मेरा प्यार  ( Mera Pyar ) दिल है सुंदर मन है सुंदर। और तुम भी हो सुंदर। दिलकी बातें कह नहीं पाती। पर मन के भाव दिखती हो।। करते हो यदि प्यार तुम तो आँखो से कह दो। प्यार तुम्हारा छुप न रहा। अब तो तुम कुछ कह दो।। मन तेरा अब भटक रहा है।…

Hindi ke Utsang Mein

हिन्दी की बिंदी | Kavita Hindi ki Bindi

हिन्दी की बिंदी ( Hindi ki Bindi ) अंग्रेजी के लेटर भी रहते हैं साइलेंट। हिन्दी की बिंदी भी बजा देती है बैंड। एक बिंदी भी दिखाती है इतना कमाल। शब्द के अर्थ में मचा देती है धमाल। आसमां को उतार कर धरती में ला सकती है। धरती को उठाकर आसमां में पहुंचा सकती है।…

दुख के राह हजार हैं

दुख के राह हजार हैं

दुख के राह हजार हैं दुख के राह हजार हैं सुख की कोई राह नहीं क्यों अन्तर में पलता है विकट वेदना चाह नहीं। कुमुद निशा में लेटी है चंचलता बस खेती है सारे द्रुम विश्वास टिके हैं मन में क्यों वैराग्य नहीं। दूर दृष्टि में छोड़ गये हैं बन्धन सारे तोड़ गये हैं कितना…

एक प्रेम गीत सुनाओ मुझे

एक प्रेम गीत सुनाओ मुझे

एक प्रेम गीत सुनाओ मुझे एक प्रेम गीत सुनाओ मुझे जिसमें प्रिय एक कहानी हो ना राजा हो ना रानी हो प्रियसी प्रेमी की जिंदगानी हो ।। एक प्रेम गीत सुनाओ मुझे जिसमें मिलने की चाहा रही उसकी कोई तो निशानी हो ऐसी मनोरम सी कहानी हो ।। एक प्रेम गीत सुनाओ मुझे …….. जिसमें…

तेरे पाठ और तेरे गीत | Kavita Tere Paath Aur Tere Geet

तेरे पाठ और तेरे गीत | Kavita Tere Paath Aur Tere Geet

तेरे पाठ और तेरे गीत पढ़ा रहे हो पाठ कोई, या सुना रहे हो कोई गीत, कुछ भी हो सुंदर हैं दोनों, तेरे पाठ और तेरे गीत, याद रखूंगी पाठ तुम्हारे, याद रखूंगी तेरे गीत, जीवन के लिए जरूरी दोनों, तेरे पाठ और तेरे गीत, सीख जरूरी जीवन में, संगीत जरूरी जीवन में, दोनों ही…

मेघ

मेघ | Kavita Megh

मेघ ( Megh ) मेघ तुम इतना भी ना इतराना जल्दी से तुम पावस ले आना बारिश की बूंद कब पड़ेंगी मुख पर, तुम मेघ अमृत को जल्दी बरसाना ।। तरस रहे सभी प्राणी ये जग जीवन करते हैं तुम्हारा मिलकर अभिनंदन आजाओ हम बाट निहारें कब से मेघ मल्हार राग भी तुमसे ही सारे…

वे जीवित ही मरते

वे जीवित ही मरते

वे जीवित ही मरते कर्मशील जीवित रह कर के, हैं आराम न करते। नहीं शिकायत करता कोई, मुर्दे काम न करते। जीवन का उद्घोष निरन्तर, कर्मशीलता होती। कर्मक्षेत्र में अपने श्रम के, बीज निरंतर बोती। है शरीर का धर्म स्वेद कण, स्निग्ध त्वचा को कर दें, अकर्मण्यता ही शय्या पर, लेटी रह कर रोती। जो…

हम पंछी उन्मुक्त गगन के

हम पंछी उन्मुक्त गगन के | Hum Panchi Unmukt Gagan ke

हम पंछी उन्मुक्त गगन के ( Hum Panchi Unmukt Gagan ke ) धूप की पीली चादर को, हरी है कर दें, तोड़ के चाॅद सितारे, धरती में जड़ दें, सब रंग चुरा कर तितली के, सारे जहाॅ को रंगीन कर दें, हम पंछी उन्मुक्त गगन के, उड़ें उड़ान बिना पंखों के, अपने काल्पनिक विचारों को,…