Shyam Base Ghat Ghat

श्याम बसे घट घट | Shyam Base Ghat Ghat

श्याम बसे घट घट ( Shyam base ghat ghat )    हरिहरण घनाक्षरी   रामजी बसा लो घट, श्याम बसे घट घट। पणिहारी पनघट, भर लाई नीर घट। भोर भई निशा घट, प्रेम रहा उर घट। राम बसे जब घट, पाप सारा जाए घट। सर तीर भर घट, छलकत अध घट। जला दीप घट घट,…

Narayan Hari

कण कण पाए हरि | Narayan Hari

कण कण पाए हरि ( Kan kan paye hari ) हरिहरण घनाक्षरी   घट घट वासी हरि, रग रग बसे हरि। रोम रोम रहे हरि, सांस सांस मिले हरि। कण कण पाए हरि, जन मन भाए हरि। घर घर आए हरि,भजो राम हरि हरि। पीर हर लेते हरि, भव पार करे हरि। यश कीर्ति देते…

Daya

दया | Daya

दया ( Daya ) रूप घनाक्षरी   जीवों पर दया करें, औरों पर उपकार। साथ देता भगवन, दुनिया का करतार। हर्ष खुशी प्रेम भरा, सुंदर सा ये संसार। दया नहीं मन माहीं, समझो जीना बेकार। श्रीराम है दयासिंधु, भक्तों के तारणहार। दयानिधि दीनबंधु, कर देते बेड़ा पार। दीनन पे दया करें, आदर और सत्कार। सुख…

Poem in Hindi on Kshama

क्षमा | Poem in Hindi on Kshama

क्षमा ( Kshama )  रूपहरण घनाक्षरी   दया क्षमा हो संस्कार, सदाचार और प्यार। परोपकार गुण को, घट नर ले उतार। व्यक्तित्व को चार चांद, यश कीर्ति हो अपार। क्षमा बड़ों का गहना, भव सागर दे तार। बड़े वही जगत में, छोटों को करते माफ। तारीफ में ताकत है, परचम ले विस्तार। क्षमा वीरों को…

Poem on Shree Ram

प्यारे राम | Poem on Shree Ram

प्यारे राम ( Pyare Ram )  हरिहरण घनाक्षरी आराध्य हमारे राम, जन जन प्यारे राम। दीन रखवारे राम, भजे राम राम सब। कौशल्या के तारे राम, दशरथ प्यारे राम। सबके सहारे राम, आओ मेरे राम अब। सीताराम सीताराम, रघुपति राजा राम। अवध विराजे राम, पीर हरे राम सब। दीनबंधु दुखहर्ता, दया सिंधु प्यारे राम। जग…

Maa

मां | Maa ke Upar Poem

मां ( Maa )   मोती लुटाती प्यार के, ठंडी आंचल की छांव। सुख तेरे चरणों में, उमड़े आठों पहर। प्रेम की मूरत माता, तुम हो भाग्यविधाता। प्रथम गुरु जननी, तुम ज्ञान की लहर‌। खुशियों का खजाना हो, हौसला उड़ान मेरी। सर पर हाथ तेरा, बरसे तेरी महर। सारे तीर्थों का सार हो, सृष्टि का…

Seema par Chhand

सीमा | Seema par Chhand

सीमा ( Seema )  मनहरण घनाक्षरी   सरहद पे जवान, चलते सीना तान। देश का सम्मान वीर, रखते संभाल के। लड़ते वीर सीमा पे, गोलाबारी गोली से। दुश्मन को मात देते, तिलक है भाल के। अटल सेनानी वीर, महा योद्धा रणवीर। पराक्रम दिखाते वो, तेवर कमाल के। भारतमाता के लाल, शूरवीर है कमाल। बुलंद हौसले…

Chhand Satrangi Fag

सतरंगी फाग | Chhand Satrangi Fag

सतरंगी फाग ( Satrangi fag )    इंद्रधनुषी रंगों का, सतरंगी फाग छाया। बसंत बहारें चली, मस्त लहर लहर। प्रियतम भीगा सारा, सजनी भी भीग गई। रंगीला फागुन आया, बरसा पहर पहर। गाल गुलाबी महके, रंग गुलाल लगाके। फाग गाते नर नारी, गांव शहर शहर। झूमके नाचे रसिया, सुरीली धमाल बाजे। बांसुरी की तान छेड़े,…

Darpan par Chhand

दर्पण | Darpan par Chhand

दर्पण ( Darpan )   गोरा गोरा गाल गोरी, दर्पण रही निहार। सांवरी सूरत मोहि, मोहन रिझाइए। हाथों में ले गगरिया, गांव चली गुजरिया। दर्पण सा मन मेरा, प्रियतम आइए। चाल चले मतवाली, चंचल नैनो वाली। मन में हिलोरें लेती, आईना दिखाइए। दर्पण दिखा देता है, मन में छिपे भावों को। फागुन महीना आया, फाग…

Chintan par Chhand

चिंतन | Chintan par Chhand

चिंतन ( Chintan )  मनहरण घनाक्षरी   विद्वान चिंतक हुए, पथ प्रदर्शक भारी। देश का उत्थान करे, चिंतन भी कीजिए। मंथन हो विचारों का, उर भाव उद्गारों का। जनहित सरोकार, अमल में लीजिए। वादों की भरमारों को, सत्ता की दरकारों को। नेताजी की छवि जरा, परख भी लीजिए। सोचिए विचारिये भी,हृदय उतारिए भी। चिंतन मनन…