दो दोहे | Aazam ke Dohe

दो दोहे ( Do dohe )   रख दिल में  तू अहिंसा, दुश्मन से मत हार ॥ लड़ दुश्मन से  तू सदा, बनकर बिन तलवार ॥   छोड़ो नफ़रत फ़ूल बन , कर...

दुर्लभ | Ramakant Soni ke Dohe

दुर्लभ ( Durlabh )   दुर्लभ है मां बाप भी, मिलते बस एक बार। सेवा कर झोली भरो, करो बड़ों को प्यार।  मिले दुर्लभ औषधियां, बड़े जतन के बाद। असाध्य व्याधियां मिटे, हरे हृदय...

प्रेम | Prem Ke Dohe

प्रेम  ( Prem )   १) प्रेम की बंसी सुमधुर,मंत्रमुग्ध करी जाए। सुध-बुध का न पता चले,एकांत समय बिताए।।   २) जीवन में प्रेम महान, कुछ न इसके समान। मान सम्मान जहां मिले,वही...