Dhoondne se kahin nahin milti

ढ़ूढ़ने से कही नहीं मिलती | Dhoondne se kahin nahin milti

ढ़ूढ़ने से कही नहीं मिलती ( Dhoondne se kahin nahin milti )     ढ़ूढ़ने से कही नहीं मिलती! ऐ ख़ुदा अब ख़ुशी नहीं मिलती   उम्रभर साथ दे वफ़ाओ से कोई ऐसी दोस्ती नहीं मिलती   रह गया है फ़रेब आंखों में अब सच्ची आशिक़ी नहीं मिलती   टूटे दिल को क़रार आये कुछ…

Poem khafa

खूब रहते अपने ख़फ़ा घर में | Poem khafa

खूब रहते अपने ख़फ़ा घर में ( Khoob rahte apne khafa ghar mein )   ख़ूब रहते अपनें ख़फ़ा घर में ! अपनों की सहते है जफ़ा घर में   और तो झूठे है दिखाता सच आइना जो मेरे लगा घर में   ग़म दिल में अश्क़ है निगाहों में प्यार कब अपनों से मिला…

हमने जाते हुए रास्ते को मुड़कर देखा है

हमने जाते हुए रास्ते को मुड़कर देखा है | Suneet Shayari

हमने जाते हुए रास्ते को मुड़कर देखा है ( Hamane jaate hue raste ko mud kar dekha hai )   हमने जाते हुए रास्ते को मुड़कर देखा है निगाह में मंज़िल नहीं कोई, मगर बड़ी हसरत से देखा है आरजू सायों की लेकर , धुप में चल दिए थे कभी उसे मेरे हिस्से के बादलों…

Jidhar dekho lahoo bikhra hua hai

जिधर देखो लहू बिखरा हुआ है | Ek ghazal

जिधर देखो लहू बिखरा हुआ है ( Jidhar dekho lahoo bikhra hua hai )   जिधर देखो लहूँ बिखरा हुआ है नगर में आज फ़िर दंगा हुआ है   लगी है आग नफ़रत की दिलों में यहाँ हर आशियाँ उजड़ा हुआ है   बहुत नजदीक था मेरे कभी जो उसी से ख़त्म हर रिश्ता हुआ…

Zaroori to nahin

ज़रूरी तो नहीं | Zaroori to nahin

ज़रूरी तो नहीं ( Zaroori to nahin )   हर जज्बात एहसास दिलाये हर एहसास को अल्फाज़ मिल जाये उन अल्फाज़ों  को ज़बां मिल जाये हर ज़बां कुछ कह पाये बस तलबगारी है महज़ इक निगाह की जो किताब-ए-दिल के हर सादा,स्याह पन्ना भी पढ़ जाये.   लेखिका :- Suneet Sood Grover अमृतसर ( पंजाब )…

Itni si kami hai

इतनी सी कमीं है | Itni si kami hai

इतनी सी कमीं है ( Itni si kami hai )   पत्थर  सा  नही  हूँ  मैं मुझमे भी नमीं हैं। बस दर्द बया कर देता हूँ इतनी सी कमी हैं।   तुमने का समझ लिया मुझको मैं जान न पाया। हैं प्यार भरा दिल मेरा जिसपर मोंम जमीं हैं।   संगेमरमर नही बना पर, खालिस…

Shayari pyar ki

किया था प्यार मगर | Shayari pyar ki

किया था प्यार मगर ( Kiya tha pyar magar )   किया था प्यार मगर हमनें जताया ही नही। वो कैसे जानती जो हमने बताया ही नही। रहा अफसोस हमेशा ही से ये दिल मे मेरे, क्यों ये जज्बात मेरे दिल के दिखाया ही नही। किया था प्यार मगर….   दबा दिया दिल में ख्वाहिशों…

Chahat shayari

चाहतों का नजीर लगता नहीं | Chahat shayari

चाहतों का नजीर लगता नहीं ( Chahaton ka nazeer lagta nahin )     चाहतों का नजीर लगता नहीं कोई दिल से अमीर लगता नहीं   आज के दौर में मुझे  तो यहाँ कोई जिंदा जमीर लगता नहीं   मतलबी इस जहान में अब मुझे शख़्स कोई कबीर लगता नहीं   सब बड़े है निग़ाह…

Poem on roti in Hindi

नहीं घर में रोटी रखी हुई है | Poem on roti in Hindi

नहीं घर में रोटी रखी हुई है ( Nahin ghar mein roti rakhi hui hai )     नहीं घर में रोटी रक्खी हुई है! यहाँ तो भूख यूं तड़पी हुई है   मिले है आंख खुलते ख़ूब ताने सहर अपनी नहीं अच्छी हुई है   नहीं मिलता कभी जो चाहता हूँ बहुत तक़दीर ही…

Pyar mohabbat ki sab baatein

प्यार मोहब्बत की सब बातें | Pyar mohabbat ki sab baatein

प्यार मोहब्बत की सब बातें ( Pyar mohabbat ki sab baatein )   प्यार मोहब्बत की सब बातें, दफन हो गयी सीने में। अब तो याद रही बस तेरी, मुझकों तो अब पीने में। जीवन में उलझन हैं इतना,कि अब तुमको भूल गया, जिस रस्ते से मै निकला हूँ, प्यार नही अब जीने ने।  …