Kavita On Chandrashekhar Azad -चन्द्रशेखर आजाद को श्रद्धा सुमन
चन्द्रशेखर आजाद को श्रद्धा सुमन
( Chandrashekhar Azad Ko Shradha Suman )
भारत भूमि जब जब सम्मान से सिर झुकायेगी
हर मुकाम पर हिन्द को चन्द्रशेखर की याद आयेगी
ऐसा किया ऊँचा मस्तक भारत गौरव के अभिमान का
धूल चटाकर प्राण हरे खुद दृश्य सन 31 के सग्राम का
आजाद हिंद फौज से दुश्मन थरथर थर्राता था
चंद्रशेखर से रण में सीधा टकराने से घबराता था
सीताराम तिवारी और जगरानी देवी के घर जन्मा था
हिन्द की पावन धरती पर लाल अनोखा चमका था
देशप्रेम का बीज अंकुरण बचपन से ही पनपा था
जवान फौज ने गर्मजोशी का रस्ता नया बरपा था
शांन्ति अहिसा शब्दो से उसका नहीं सम्बध रहा
देशप्रेम के तीव्र तेवर से प्रखर मुखर स्थापित किया
अंतिम क्षण में अंग्रेजो से एकल ही लोहा लिया
वीर साथियों की रक्षा कर स्वमं मृत्यु का वरण किया
वीर बहादुर चन्द्रशेखर का नारा बहुत सुहाना था
हर जवान की जिह्वा पर गीत बनकर ठहरा था
मौत तो मेरी महबूबा है जब चाहूं गले लगा लूँगा
आजाद हूँ आजाद मरूंगा शब्दो को प्रारूप दिया
चन्द्रशेखर के देश प्रेम को माँ भारती सदा नमन करेगी
भारत भूमि एसे वीर की हर क्षण प्रतिपल ऋणी रहेगी
डॉ. अलका अरोड़ा
“लेखिका एवं थिएटर आर्टिस्ट”
प्रोफेसर – बी एफ आई टी देहरादून
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