मुझे संभालो | Mujhe Sambhalo

मुझे संभालो  ( Mujhe Sambhalo )   मुझे संभालो न मेरे दोस्त अमानत की तरह पडा़ रहने दो मुझे यहाँ आफत की तरह इस कदर सबके सीने में उतर जाउंगा...

चिड़िया रानी | Kavita Chidiya Rani

चिड़िया रानी ( Chidiya Rani )   चिड़िया रानी चिड़िया रानी क्यो करती इतना मनमानी! रोज सवेरे तुम हो आती आकर पुन:कहां हो जाती !! चाहूं साथ खेलना तेरे क्या खेलोगी...

दर्दे वेवफा | Dard- e – Bewafa

दर्दे वेवफा ( Dard-e bewafa ) दर्दे वेवफा कुछ वफा कीजिये हाँ नहीं कह सको तो न ना कीजिये अपनो से युद्ध करना सरल भी नही अमृत न मिले...

जगजननी जानकी | Kavita Jag Janani Janaki

जगजननी जानकी ( Jag Janani Janaki )   अपने चरित्र और चिंतन से नारी जीवन के दर्शन दिखलाइए, विपदाओं से घिरी जानकी ने कुल की मर्यादा को...

वृद्ध मां बाप | Kavita Vridh Maa Baap

वृद्ध मां बाप ( Vridh maa baap )   वृद्धाश्रमों में जब किसी के मां बाप रोते और बिलखते हैं, उस पुत्र के लिए बददुआ के लाखों...

सीता नवमी | Kavita Sita Navami

सीता नवमी ( Sita Navami )   जनक नंदिनी वैभव,राम सत्ता आधार जनक दुलारी महिमा अद्भुत, प्रातः वंदनीय शुभकारी । राम रमाकर रोम रोम, पतिव्रता दिव्य अवतारी । शीर्ष आस्था सनातन...

बिन मानवता | Kavita Bin Manavta

बिन मानवता ( Bin Manavta )   मैं घंटा शंख बजाऊं,या मंदिर मस्जिद जाऊं। बिन मानवता के एक पल भी,मानव न कहलाऊं।।पहले हवन बाद में दहन,क्यों दुर्गति करवाऊं।। सीधा...

कहाँ तक | Kahani Kahan Tak

"  हलो ..भाई साहब , आप मेजर गौरव शर्मा बोल रहे है न ? ओके , मैं लाहौर से मरियम रहमान बोल रही हूँ...

बनारस | Kavita Banaras

बनारस ( Banaras )   कण कण में हैं शंकर जिसके , और मिट्टी है पारस ! तीन लोक से न्यारी नगरी , जिसका नाम बनारस !! आबोहवा यहां का...

परिवार सब टूट रहे हैं

परिवार सब टूट रहे हैं संस्कार छूट रहे हैं कुटुंब परिवार सब टूट रहे हैं। संदेह के घेरे फूट रहे हैं अपने हमसे रूठ रहे हैं। घर-घर...