Search Results for: व्यंग्य

Kavita Wah Aadmi

वह आदमी | Kavita Wah Aadmi

वह आदमी ( Wah Aadmi )   वह आदमी दो कमरों के मकान में बड़ा खुश था कि अन्ना – आन्दोलन ने उसे राजनीति के कच्चे शीशे में जड़ा सपना दिखा दिया . वह आदमी सब पर आरोप मढ़ा हुआ जा बैठा महत्वाकांक्षा के औंधे शिखर पर . वह आदमी चुंकि आम आदमी था लोगों…

Kavita Prem Palega Jab Antas mein

प्रेम पलेगा जब अंतस में | Kavita Prem Palega Jab Antas mein

प्रेम पलेगा जब अंतस में ( Prem palega jab antas mein )   प्रेम पलेगा जब अंतस में,पीड़ा बारंबार मिलेगी निज स्वार्थ अस्ताचल बिंदु, समता भाव सरित प्रवाह । त्याग समर्पण उरस्थ प्रभा, स्पृहा मिलन दर्शन अथाह । पग पग कंटक शूल चुभन, पर मुखमंडल मुस्कान खिलेगी । प्रेम पलेगा जब अंतस में, पीड़ा बारंबार…

Pratidwandi Sansaar

प्रतिद्वंदी संसार | Pratidwandi Sansaar

प्रतिद्वंदी संसार ( Pratidwandi Sansaar )   दीवानगी की हदों पर,सदा प्रतिद्वंदी संसार स्वप्निल आभा यथार्थ स्पंदन, अंतरतम वसित अनूप छवि। नेह वश चाल ढाल, हाव भाव श्रृंगार नवि । पर हर कदम व्यंग्य जुल्म सितम सह, चाह आकांक्षा सीमा अपार । दीवानगी की हदों पर,सदा प्रतिद्वंदी संसार ।। निहार दैहिक सौष्ठव, मचल रहीं वासनाएं…

Savitri Bai Phule Jayanti

सावित्री बाई फुले जयंती | Savitri Bai Phule Jayanti

सावित्री बाई फुले जयंती ( Savitri Bai Phule Jayanti ) ( 2 ) शिक्षा की ज्योति अनुपम क्रांतिकारी चिंगारी थी। संघर्षों में पली सावित्री विदुषी भारत की नारी थी। देश की पहली महिला टीचर संघर्षों की कहानी है। काव्य जगत सरनाम कवयित्री जानी पहचानी है। नारी होकर नारी शिक्षा की ऐसी अलख जगाई थी। दलित…

Saadat Hasan Manto

सियाह हाशिए – सआदत हसन मंटो

सियाह हाशिए – सआदत हसन मंटो प्रस्तुतकर्ता – डा अशोक भाटिया टिक्का टिप्पणी/ दो शब्द – मनजीत सिंह, सहायक प्राध्यापक उर्दू (अंशकालिक), कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र साहित्य उपक्रम द्वारा प्रकाशित की गई पुस्तक में उर्दू कथा साहित्य के इतिहास में सआदत हसन मंटो का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। ‘अंगारे’ के प्रकाशन के बाद…

ऐसा संदेश

बंजारा के मुक्तक | Banjara ke Muktak

दीप दिल की डगर जाना है कहीं उसकी प्रतीक्षा में बैठा हूं वहीँ राम ! तुम तो घर लौट आये- मै अभी तलक लौटा ही नहीं…. जब जख्मों की आहट होती है टीस अंदर से प्रगट होती है राम ! क्या बताऊं कि ऐसे में एक याद ही केवट होती है…. ये दुनिया हरामी है…

अहसास कवि का | Ahsaas Kavi ka

अहसास कवि का | Ahsaas Kavi ka

अहसास कवि का ( Ahsaas kavi ka )    जब खिले फूल खुशबू को महकाते है हाल भंवरो का जो मंडराते है हर चमन मे उढे जब ये सैलाब सा अपने भावों को हम भी लिख जाते है वार अक्सर जो दिल पर कर जाते है भान उनको भी कुछ हम करवाते है जो करती…

Harishankar Parsai

हरिशंकर परसाई | Harishankar Parsai

हरिशंकर परसाई ( Harishankar Parsai )    बाईस अगस्त चौबीस में लिया जन्म जिला होशंगाबाद, दस अगस्त पिचानवे पाई वफात रहे जीवन भर आबाद। हंसते हैं रोते हैं, जैसे उनके दिन फिरे हैं संग्रह कहानी, जवाला और जल, रानी नागफनी नावल है उनकी जुबानी। प्रेमचंद के फटे जूते,आवारा भीड़ के खतरे ये भी संग्रह निबंध…

Hey Kavi

हे कवि | Hey Kavi

हे! कवि  ( Hay kavi )      हे कवि! कविता कुछ खास लिखो अंतर्मन का विश्वास लिखो रुक रुक कर कलम चलाओ ना खुल कर अपनी हर बात लिखो   तुम कवि तुमको अधिकार मिला कलमों जैसा हथियार मिला धिक्कार है तेरी कलमों को यदि सच का ना इतिहास लिखा।   श्रृंगार वीरता लिखते…

Nav Arsh ki pakhi

नवअर्श के पाँखी | पुस्तक समीक्षा

  पुस्तक समीक्षा-  नवअर्श के पाँखी “– नव क्षितिज की तलाश में।* समीक्षक –  प्रो. (डॉ.) विजय महादेव गाडे शोध निर्देशक एवं अध्यक्ष हिन्दी विभाग बाबासाहेब चितळे महाविद्यालय, भिलवडी ता. पलूस, जि. सांगली (महाराष्ट्र) ” रचनाकार की मौलिकता केवल शैली की नवीनता में नहीं,  उसके साथ चिंतन की दिशा और आस्था में भी है।” –             …