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Patriotic Poetry Seminar

वतन की शान में देशभक्ति काव्य गोष्ठी व पुस्तको का विमोचन हुआ

वतन की शान में देशभक्ति काव्य गोष्ठी व पुस्तको का विमोचन हुआ   एसोसियेषन ऑफ़ अलायन्स क्लब्स इंटरनेशनल व राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था ‘शब्दाक्षर’ के तत्वावधान में गणतंत्र दिवस बसंतोत्सव के अवसर पर जांगिड अस्पताल में वतन की शान में देशभक्ति कवि गोष्ठी व दो पुस्तकों का विमोचन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व…

काव्य प्रस्तुतियों से कवियों ने किया नववर्ष का स्वागत

काव्य प्रस्तुतियों से कवियों ने किया नववर्ष का स्वागत

काव्य प्रस्तुतियों से कवियों ने किया नववर्ष का स्वागत अलायंस क्लब नवलगढ़, चेतना साहित्यिक संस्था, संदर्श व राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था शब्दाक्षर के संयुक्त तत्वावधान में जांगिड अस्पताल परिसर में नववर्ष का अभिनंदन कवियों ने देशभक्ति से ओतप्रोत, नशामुक्ति, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, खूब पढ़ों आगे बढ़ो, जनजागृति व चेतना देती सरस कविताओं की स्वर लहरी…

जब भी कोई काम करो | Kavita jab bhi koi kaam karo

जब भी कोई काम करो | Kavita jab bhi koi kaam karo

जब भी कोई काम करो ( Jab bhi koi kaam karo )   जब भी कोई काम करो कोई मुझे देख रहा है यही सोचकर करो दिल पर जरा हाथ रखो उसने सही कहा तभी करो नफरतों कि आंधियों में झूठा दोष किसी को ना दो ईमान से इनाम के हकदार तुम बन जाते हो…

Havaldar par kavita

हवलदार है हम | Havaldar par kavita

 हवलदार है हम  ( Havaldar hai ham )    कई कहानियों का किरदार है हम, और पेशे से एक हवलदार है हम। भारतीय सेना की  पतवार है हम, चार्ज होल्डर एवं चौकीदार है हम।।   सेना पुलिस या पैरामिलिट्री फोर्स, अहम् स्तम्भ सबका होता ये रैंक। हेड़-कांस्टेबल दीवान एवं सार्जेंट, हवलदार भी  कहते  है यहीं …

Kavita bin machis

बिन माचिस के आग लगा देते है | Kavita bin machis

बिन माचिस के आग लगा देते है ( Bin machis ke aag laga dete hai )    शब्दो को अधरों पर रखकर,मन का भेद खोलो। आंखो से सुन सकता हूं,तुम आंखो से तो बोलो।।   कहना है कुछ कह दो,इशारों के जरिए कह दो। समझता हूं सारे इशारे मै,अपनी बात कह दो।।   स्पर्श करने…

Chirag shayari

ख़ुशी खूब लाए चराग़ है | Chirag shayari

ख़ुशी खूब लाए चराग़ है ( Khushi khoob lae charaag hai )      ख़ुशी खूब लाए चराग़ है मिटाने ग़म आये चराग़ है   उदासी करें दूर दीवाली गली में सजाए  चराग़ है   यहाँ ख़त्म करके अदावत को बहुत घर बुलाए चराग़ है   न होगा लबों पर उदास पन ख़ुशी जगमगाए चराग़…

Meri maa par kavita

माँ का अंश | Maa ka ansh par kavita

माँ का अंश ( Maa ka ansh )   साँसों का चलना ही जीना होता तो मकसद क्यूं बनते, आपका जाना भी मकसदों का मिटना है माँ- थोड़े और दिन तो मेरे मकसदों का हिस्सा बनते। मैंने पाया है चाहे लाख गुना, पर दिल की गुज़ारिशों के आगे सब फीके लगते, आपका अंश मैं आप…

शुभ दीपावली | Shubh dipawali

शुभ दीपावली | Shubh dipawali

शुभ दीपावली ( Shubh dipawali ) कृपा करें सब देवियॉं,लक्ष्मी,करे विशेष। सब देवों के संग में,भजिए प्रथम गणेश। ज्योतिर्मय संसार हो,फैले पुण्य प्रकाश। नयन न कोई अब करे, सूरज-चॉंद तलाश। रिश्तों की सब चौखटें,जहॉं प्रेम अनुबंध। भावों के दीपक जले,बिखरे सोंधी गंध। खुशियों के दीपक जले,आलोकित घर-द्वार। लक्ष्मी से धन चाहिए,सबकी यही पुकार। लौट गई…

Poem chaahat

चाहत | Poem chaahat

चाहत ( Chaahat )   हम हैं तेरे चाहने वाले, मन के भोले भाले। रखते है बस प्रेम हृदय में, प्रेम ही चाहने वाले।   माँगे ना अधिकार कोई,ना माँगे धन और दौलत। प्रेम के संग सम्मान चाहने, वाले हम मतवाले।   हम राधा के विरह गीत है, हम मीरा के भजनों में। हम शबरी…

Poem tum mat rona priye

तुम मत रोना प्रिय | Poem tum mat rona priye

तुम मत रोना प्रिय ( Tum mat rona priye )   तुम मत रोना प्रिय मेरे, यह तेरा काम नही है। जिससे मन मेरा लागा, मोरा घनश्याम वही है।।   जो राधा का है मोहन, मीरा का नटवर नागर। वो एक रसिक इस जग का, मेरा मन झलकत गागर।।   शबरी की बेरी में दिखे…