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Katha Samrat

कथा सम्राट | Katha Samrat

‘कथा सम्राट’ ( Katha samrat )   सरल व्यक्तित्व के धनी नाम था धनपत राय, लमही गांव में जन्मे प्रसिद्ध कथाओं के सम्राट, संघर्षो से भरे जीवन को लेखनी में ऐसा ढाला। कालजयी हो गई फिर उपन्यासों की हरेक धारा, रचनाओं में जन- जीवन को गहराई से था उतारा। समाज की अव्यवस्थाओं पर किया कड़ा…

Samajh mein Kyon Nahi Aaya

समझ मे क्यों नही आया | Samajh mein Kyon Nahi Aaya

समझ मे क्यों नही आया ( Samajh mein kyon nahi aaya )   जितना भी मांगा था रब से, उससे ही ज्यादा ही पाया। मन पागल ना शुक्ररा निकला, जब देखा रोता ही पाया। प्रेमिका माँगी पत्नी दे दी, एक नही दो दो से मिला दी। जो मांगा वो सबकुछ दे दी, पर मन को…

Wafa par Ghazal

वफ़ा का मेरी आज कुछ तो सिला दो | Wafa par Ghazal

वफ़ा का मेरी आज कुछ तो सिला दो ( Wafa ki meri aaj kuch to sila do ) वफ़ा का मेरी आज कुछ तो सिला दो मुझे छू के जानम मुकम्मल बना दो हज़ारों दिये साथ मिलके जलेंगे झलक एक अपनी अगर तुम दिखा दो नहीं बात करते सनम आजकल तुम हुई क्या ख़ता मेरी…

Kasak Shayari

प्यार की दिल में कसक रही | Kasak Shayari

प्यार की दिल में कसक रही ( Pyar ki dil mein kasak rahi )   कान में चूड़ी की खनक रही प्यार की दिल में कसक रही सांस में महक प्यार से उठी आज वो गुलों में लचक रही वो नहीं आये है सनम मिलने राह उसी की अब तलक रही इश्क़ में गिरफ़्तार दिल…

Farishta

मैं कोई फरिश्ता नहीं | Farishta

मैं कोई फरिश्ता नहीं! ( Main koi farishta nahi )   इतना काफी है जमाने को बताने के लिए, आजकल आती नहीं हमको रुलाने के लिए। कहानी तैरती है उसके दिल की झीलों में, उतरती दरिया नहीं बेसुध नहाने के लिए। हुस्न की गागर वो चलने पे छलकती ही है, बढ़ती बेताबियाँ हमको जलाने के…

Gulashan ka Phool

मैं गुलशन का फूल नहीं हूँ | Gulshan ka Phool

मैं गुलशन का फूल नहीं हूँ ( Main gulashan ka phool nahin hoon )   मैं गुलशन का फूल नहीं हूँ लेकिन फ़िर भी बबूल नहीं हूँ तू जो करें किनारा मुझसे दिल से मैं तो शूल नहीं हूँ तू जो गले लगता नहीं है मैं ऐ यार बबूल नहीं हूँ फ़ेरे तू नज़रें क्यों…

Muhabbat mein

मुहब्बत में इशारे बोलते हैं | Muhabbat mein

 मुहब्बत में इशारे बोलते हैं ( Muhabbat mein ishare bolte hain )   फ़लक से चाँद तारे बोलते हैं मुहब्बत में इशारे बोलते हैं तुम्हीं ने रौनक़े बख़्शी हैं इनको यहाँ के सब नज़ारे बोलते हैं बहुत गहरा है उल्फ़त का समुंदर मुसाफिर से किनारे बोलते हैं बहुत मुश्किल सफ़र है ज़िन्दगी का थके हारे…

Kya Kahe kya Raaz hai

क्या कहें क्या राज है | Kya Kahe kya Raaz hai

क्या कहें, क्या राज है ( Kya kahe, kya raaz hai )    क्या बताएं वजह कोई,क्या कहें क्या राज है ! मुद्दतों से मुल्क की क्यों, तबीयत नासाज है !! आ चुके दानां हकीमो, डाक्टर कितने यहाॅं हो नहीं पाया अभी तक,क्यों मगर इलाज है !! वतन के हमदर्द क्यों, बाकी नहीं कोई कहीं…

Poem Main bhi Chaahunga

मैं भी चाहूंगा | Poem Main bhi Chaahunga

मैं भी चाहूंगा ( Main bhi chaahunga )   कि इन सब बातों की नहीं है उम्र अब मेरी, मुझे कुछ लोग कहते हैं, मगर हसीं चेहरों पे मिटने को तैयार होना, मैं भी चाहूंगा… लानत है किसी दौलतमंद, रसूखदार का दरबान होने पेे, किसी मज़लूम, किसी बेबस का पहरेदार होना, मैं भी चाहूंगा.. कभी…

Kavita Neh ki Komalta

नेह की कोमलता | Kavita Neh ki Komalta

नेह की कोमलता ( Neh ki komalta )   नेह ने कोमल बनाकर,वेदना को चुन लिया है, चाह में हिय ने विकल हो,कामना को बुन लिया है। भावना की धार अविरल, गुनगुनाती बह रही है, प्रीति की अनुपम धरोहर, मीत से कुछ कह रही है। आज यादों के झरोखे, अनमने से खुल रहें हैं, शांत…