Ab pehli si baat nahi hai

अब पहली सी बात नहीं है | Kavita

अब पहली सी बात नहीं है ( Ab pehli si baat nahi hai )   कह देते थे खरी खरी पर, पीठ के पीछे घात नहीं है। बदल गया है आज जमाना, अब पहली सी बात नहीं है।।   ऋषि मुनि और संत महात्मा, मन फकीरी धरते थे। मोह माया से दूर रहे वो, कठिन…

सुनो..

सुनो..| Romantic Poetry In Hindi

सुनो.. ( Suno )   सुनो… तुम एक बार दो कदम घर से निकल कर देखो तो जरा चार क़दम चलते ही मैं उसी चौराहे पर खड़ा इंतजार कर रहा होऊंगा तुम्हारे आने का….   उस चौराहे से चुन लेना कोई भी एक रास्ता और चल पड़ना उस रास्ते पर जो मुझ तक ले आएगा…….

मालिक का दरबार

Hindi Ghazal -मालिक का दरबार

मालिक का दरबार ( Malik Ka Darbar )   यह सारी दुनिया ही उस मालिक का दरबार हो जाए, अगर आदमी को आदमी से सच्चा प्यार हो जाए ।   जाति-मज़हब के नाम पर और लड़ाइयाँ ना होंगी, अगर इंसानियत ही सबसे बड़ा व्यापार हो जाए ।   हरेक कामगार को मयस्सर हो उनके हक़ की रोटी, अगर मालिक-मज़दूर…

तमाशा ऐसा भी हमने सरे-बाज़ार देखा है

Dard Bhari Ghazal -तमाशा ऐसा भी हमने सरे-बाज़ार देखा है

तमाशा ऐसा भी हमने सरे-बाज़ार देखा है ( Tamsssha Aisa Bhi Hamne Sare Bazar Dekha Hai )   तमाशा ऐसा भी हमने सरे-बाज़ार देखा है।। दिखावे के सभी रिश्ते जताते प्यार देखा है।।   तभी तक पूछते जग में है पैसा गांठ में जब तक। हुई जब जेब खाली तो अलग व्यवहार देखा है।।  …

जिंदगी कटी पतंग है

Hindi Poetry On Life -जिंदगी कटी पतंग है

जिंदगी कटी पतंग है ( Jindagi Kati Patang Hai )     जिंदगी कटी पतंग है, कठिनाइयों से तंग है!! छोर का पता नहीं कुछ डोर का पता नहीं जाएगी किधर किसी ओर का पता नहीं पता नहीं दूर कब , कब अपने संग है …   जिंदगी कटी पतंग है … कभी पास में…

मकर संक्रांति

Hindi Poetry -मकर संक्रांति

मकर संक्रांति   चुड़ा गुड़ चीनी दही तिल का लगाओ भोग उत्तरायण का पर्व आज है मिलकर मनाओ लोग खिली धूप है ले बच्चों को किसी मैदान में जाएं ठंडी ठंडी हवा के झोकों संग खुलकर पतंग उड़ाएं। सूरज की तीखी किरणों से तन मन को नहलाएं सर्दी के भय को मन से निकाल लाएं…

Aankhen Unki Hai Maikhane

Romantic Ghazal -आँखें उनकी है मयखाने

आँखें उनकी है मयखाने ( Aankhen Unki Hai Mainkhane )     आँखें उनकी है मयखाने। ओठ लगे जैसे पैमाने।।   गालों की रंगत है ऐसी। लाल -गुलाबी रँग मस्ताने।।   थाम दिलों को रह जाते है। जब लगते जुल्फ़े बिखराने।।   ढांप कभी आंचल से सर को। लगते मन ही मन शर्माने।।   घायल…

जिंदगी की ही नहीं कोई सहेली है यहां

Sad Ghazal -जिंदगी की ही नहीं कोई सहेली है यहां

जिंदगी की ही नहीं कोई सहेली है यहा     जिंदगी की ही नहीं कोई सहेली है यहां कट रही ये जिंदगी आज़म अकेली है यहां   खा गया हूँ मात उल्फ़त में किसी से मैं यारों प्यार की इक चाल मैंनें भी तो खेली है यहां   नफ़रतों की ही मिली है चटनी खाने…

खंजर

खंजर

खंजर **   नरम  पत्तों  के  शाख से हम भी बहुत ही कोमल थे पर। है छीला लोगो ने यू बार-बार की अब हम,खंजर से हो गये।   ** जिसे  ही  माना  अपना  उसने  ही  आजमाया  इतना। कि शेर हृदय के कोमल भाव भी सूख के,पिंजर से हो गये।   ** मिट  गये  भाव  सुधा …

किसानों का दर्द 

kisan shayari -kisan shayari in hindi -किसानों का दर्द

किसानों का दर्द  ( Kisano Ka dard )     जो फ़सल बोता है, वह इसे काटना भी जानता है; ये किसान है अपना हक़ लेना भी बख़ूबी जानता है ।   ना जाने, वक़्त भी अकसर कैसे-कैसे रंग दिखाता है; सबका पेट भरने वाला आजकल सड़कों पर भूखा सो जाता है ।   उस…