झोपड़ी में बसते हैं भगवान

झोपड़ी में बसते हैं भगवान | Kavita

झोपड़ी में बसते हैं भगवान ( Jhopdi mein baste hain bhagwan )   मेहनत मजदूरी जो करते, सदा चलते सीना तान। अटल रह सच्चाई पर, सबका करे आदर सम्मान।   शील स्वभाव विनय भाव, ईमानदारी गुण प्रधान। घट घटवासी परम प्रभु, झोपड़ी में बसते भगवान।   सबसे हिल मिलकर रहे, मदद करे अपना जान। ऊंच…

मोहब्बत उसे भी थी

मोहब्बत उसे भी थी | Prem Kavita

मोहब्बत उसे भी थी ( Mohabbat use bhi thi )   हां मोहब्बत उसे भी थी, वो प्यार का सागर सारा। उर तरंगे ले हिलोरे, अविरल बहती नेह धारा।   नेह सिंचित किनारे भी, पल पल में मुस्काते थे। मधुर स्नेह की बूंदे पाकर, मन ही मन इतराते थे।   कोई चेहरा उस हृदय को,…

महल अपनी गाते हैं

महल अपनी गाते हैं | Kavita

महल अपनी गाते हैं ( Mahal apni gate hain )   ऊंचे महलों के कंगूरे, आलीशान दमक वाले। रौब जमाते मिल जाते, चकाचौंध चमक वाले।   मेहनतकश लोगों पर भारी, अकड़ दिखाते हैं। मोन रहती मजबूरी तब, महल अपनी गाते हैं।   शानो शौकत ऊंचा रुतबा, ऊंचे महल अटारी। झोपड़ियों को आंख दिखाते, बन ऊंचे…

यादें

यादें | Kavita

यादें ( Yaaden )   बड़ी सुहानी लगती यादें, प्रेम भरी मनभावन सी। उर उमंग हिलोरे लेती, झड़ी बरसते सावन सी।   सुख-दुख के मेंघ मंडराये, यादें बस रह जाती है। घड़ी घड़ी पल पल रहकर, यादें पुरानी आती है।   हंसी खुशी के सुंदर पल, रह रहकर याद आते हैं। जैसे बहती सरिता धारा,…

कत्ल कलम से

कत्ल कलम से | Kavita

कत्ल कलम से ( Qatal kalam se )   हो ना जाए कत्ल कलम से, शमशीरो सी वार सा। दोषी  को  सजा  दिलवाना, फर्ज कलमकार का।   कलम ले दिल दुखाए, तीखे शब्द बाण चलाए। खून के आंसू रुलाए, बिना बात विवाद बढ़ाए।   निर्दोषी पर आरोप लगाना, कर्म नहीं दरबार का। सच्चाई की खातिर…

Zindagi Par Kavita

दो घड़ी ठहर जा जिंदगी | Zindagi Par Kavita

दो घड़ी ठहर जा जिंदगी ( Do ghadi thahar ja Zindagi   हो रही बरसात प्रेम की, नेह दिलों में छा गया। सबसे हिलमिल जीने का, हमें सलीका आ गया।   मधुर प्रीत की वजे बांसुरी, कर लूं थोड़ी बंदगी। दीप जला मनमंदिर में, दो घड़ी ठहर जा जिंदगी।   मुसाफिर मंजिल का, मनमौजी मुस्काता…

Poem on truth of life in Hindi

Poem on truth of life in Hindi | सुख दुख सब मन की माया

सुख दुख सब मन की माया ( Sukh dukh sab man ki maya )   उर जोत जला आशा की नेह का दीप जलाता आया मुस्कानों के मोती बांटो सुख-दुख सब मन की माया   अटल हौसला जोश जज्बा साहस उर भर लो भरपूर प्रेम के मोती लुटाकर प्यारे जग में हो मशहूर   सेवा…

जिंदगी में नहीं मतलबी चाहिए

Ghazal | जिंदगी में नहीं मतलबी चाहिए

जिंदगी में नहीं मतलबी चाहिए ! ( Jindagi mein nahi matalabi chahie )   जिंदगी में नहीं मतलबी चाहिए ! इक वफ़ा की मगर दोस्ती चाहिए    जिंदगी अब ग़मों में बहुत जी ली है ऐ ख़ुदा उम्रभर अब ख़ुशी चाहिए उम्रभर के लिये हो वफ़ाये भरी जिंदगी में रब वो आशिक़ी चाहिए   नफ़रतों…

उलझन

उलझन | Hindi poetry on life

उलझन ( Uljhan )   उलझनों ने घेरा है, कैसा काल का फेरा है। किस्मत क्यों रूठ रही, मुसीबतों का डेरा है।   जीवन की जंग लड़े, कदमों में शूल पड़े। मुश्किलें खड़ी थी द्वार, तूफानों से हम भीड़े।   रिश्ते नाते भूले हम, मर्यादाएं तोड़ चले। बुजुर्ग माता-पिता को, वृद्धाश्रम छोड़ चले।   विकास…

विदा

विदा | Kavita

विदा ( Vida ) तुम कह देना उन सब लोगों से, जिन्हें लगता है हम एक दुजे के लिए नहीं. जो देखते है सिर्फ़ रंग, रूप और रुतबा जिन्होंने नहीं देखा मेरे प्रेम की लाली को तुम्हारे गलो को भिगोते हुए. जो नहीं सुन पाए वो गीत जो मैंने कभी लफ़्ज़ों में पिरोए ही नहीं….