आओ करे ये सतत प्रतिज्ञा

आओ करे ये सतत प्रतिज्ञा | Kavita

आओ करे ये सतत प्रतिज्ञा ( Aao kare ye satat pratigya )   ?☘️ नारी को सम्मान नहीं तो बताओ क्या दोगे बेटी को घर में मान नहीं तो बतलाओ क्या दोगे एक घर सुधरने से बोलो क्या बदलेगा हर सोच बदलने का प्रण बोलो कब लोगे ?☘️ जब तक सारी कायनात ना बदले तो…

श्याम रंग में

श्याम रंग में | Hindi Poetry

श्याम रंग में ( Shyaam rang me )   मोरी रंग दे ओ रंगरेज चुनरिया श्याम रंग में। मेरी वाणी को अविराम सुनो मोहन के रंग में। जिसके रंग में राधा रंग गई, लोक लाज को भी जो तंज गई। ऐसा ही रंग डाल चुनरिया श्याम रंग में…   मोरी रंग दे ओ रंगरेज चुनरिया…

सावन

सावन | Sawn par Kavita

सावन ( Sawan ) सावन सरस सुखमय सुधा बरसा रहा, कलियन के संग मधुकर बहुत हर्षा रहा।।   नभ मेघ गर्जत दामिनी द्युतिया रही, प्रिय कंत केहि अपराध बस न आ रहा।।   ज्येष्ठ की सूखी धरा तरुणित हुयी, मोरनी संग मोर बहु सुख पा रहा।।   बारिश की शीतल बूंदें तन जला रही, हे…

रिश्तों का सच

रिश्तों का सच | Kavita

रिश्तों का सच ( Rishton ka sach )   स्वार्थ से परिपूर्ण रिश्ते,इस जहां में हो गए है, पुष्प थे जो नेह के वो, शूल विष के बो गए है।   प्रेम से अपनी कहानी, जो सुनाते हैं हमें, हमने जब अपनी कही तो, कोह हमसे हो गए है।   फूल मेरे बाग से चुन,आशियां…

बलिदान

बलिदान | Kavita

बलिदान ( Balidan )   क्या है आजादी का मतलब देश प्रेम वो मतवाले लहू बहाया जिन वीरों ने बलिदानी वो दीवाने   मातृभूमि पर मिटने वाले डटकर लोहा लेते थे देश भक्ति में ऐसे झूले फांसी तक चढ़ लेते थे   जलियांवाला बाग साक्षी अमर कथा उन वीरों की वंदे मातरम कह गए जो…

श्याम रंग नीला है या काला

श्याम रंग नीला है या काला | Kavita

श्याम रंग नीला है या काला ( Shyam rang neela hai ya kala ) श्याम रंग नीला है या काला,बताओ कैसा है नन्दलाला। पीताम्बर तन मोर मुकुँट सर, लकुटी कमरिया बाँधा।   कमल नयन कर मुरली शोभित, गले बैजन्ती माला। सूरदास बालक सम देखे, जग में श्याम निराला।   श्याम रंग नीला है या काला……..

लो आया राखी का त्यौहार

लो आया राखी का त्यौहार | Geet

लो आया राखी का त्यौहार ( Lo aaya rakhi ka tyohar )   लो आया राखी का त्यौहार, बरसे भाई बहन का प्यार, कच्चे धागों में बसता है, सुहाने रिश्तो का संसार, लो आया राखी का त्यौहार-2   माथे चंदन अक्षत रोली, बहना नेह भरी रंगोली, कलाई पर बांध रही है, बहना अपना प्यार, लो…

राम दरबार

राम दरबार | Kavita

राम दरबार ( Ram darbar )   अमरावती  पृथ्वी  पे  जैसे, इन्द्र का दरबार। अद्भुत सुहाना सरस हो, श्रीराम का दरबार।   भवहीन तन आनंद मन,सौन्दर्य नयनभिराम, श्रीराम का मन्दिर जहाँ, मन जाए बारम्बार।   साकेत दमके पुनः पथ, दर्पण का हो एहसास। श्रीराम जी आए है जैसै, तन में थम गयी सांस।   तोरण…

सावन सुहाना आया

सावन सुहाना आया | छंद

सावन सुहाना आया | Chhand ( Sawan suhana aya ) (  मनहरण घनाक्षरी छंद )   सावन सुहाना आया, आई रुत सुहानी रे। बरसो बरसो मेघा, बरसाओ पानी रे।   बदरा गगन छाए, काले काले मेघा आये। मोर पपीहा कोयल, झूमे नाचे गाए रे।   रिमझिम रिमझिम, बरखा बहार आई। मौसम सुहाना आया, हरियाली छाई…

कुछ जाने अनजाने रिश्ते

कुछ जाने अनजाने रिश्ते | Kavita

कुछ जाने अनजाने रिश्ते ( Kuch jaane anjaane rishte )   कुछ जाने अनजाने रिश्ते, कुछ दिल से पहचाने रिश्ते। कुछ कुदरत ने हमें दिया है, कुछ हमको निभाने रिश्ते।   रिश्तो की पावन डगर पर, संभल संभल कर चलना है। सदा लुटाना प्यार के मोती, संस्कारों में हमें ढलना है।   माता पिता गुरु…