सियासत बहुत है

सियासत बहुत है | Siyasat Par Kavita

सियासत बहुत है ( Siyasat bahot hai )   मेरी तालीम मुझसे कहती सियासत बहुत है… हंसती दुनिया को रुलाती सियासत बहुत हैl   कोई हमें बताए जरा हम महफूज कैसे रहे ….. भाई को भाई से लड़ाती सियासत बहुत है।   फूलों की खुशबू सा महकता जीवन अपना …. हवाओं में  जहर घोलती  सियासत…

नहीं कोई  शहर में आशना यहां  मेरा

नहीं कोई शहर में आशना यहां मेरा | Ghazal

नहीं कोई  शहर में आशना यहां  मेरा ( Nahin koi shahar mein aashna yahan mera )     नहीं कोई  शहर में आशना यहां  मेरा ! हाले दिल ये कौन जो पूछता यहां मेरा   कि सोचता हूँ नगर छोड़ दूँ इसलिए मैं नहीं कोई तन्हाई के सिवा यहां मेरा   उदास पन इसलिए  भर…

एक अच्छे नागरिक की जिम्मेदारियां

एक अच्छे नागरिक की जिम्मेदारियां | Essay In Hindi

निबंध – एक अच्छे नागरिक की जिम्मेदारियां ( Responsibilities of a Good Citizen : Essay In Hindi  ) प्रस्तवना :- एक अच्छे नागरिक को कई गुण आत्मसात करने होते हैं। यह तथ्य कि उसके पास कुछ कर्तव्य और उत्तरदायित्व हैं। यह बिल्कुल सत्य है। लेकिन साथ ही उन्हें एक स्वतंत्र राज्य के नागरिक के रूप में कुछ…

नाग पंचमी विशेष

नाग पंचमी विशेष | Nag Panchami Par Kavita

नाग पंचमी विशेष ( Nag Panchami Par Kavita )   इक प्याले मे दूध लिए, पत्नी आई मुस्कराई। तुमको मेरे प्राण नाथ, नाग पंचमी की बधाई।   पी लो हे प्रिय नटराजा के, विष तो तुमरी वाणी है। एक वर्ष में एक बार ही, विष में धार लगानी है।   क्यों मै ढूंढू अन्य नाग…

देख लूँ जी भर के आपको एक पल

देख लूँ जी भर के आपको एक पल| Romantic Ghazal

देख लूँ जी भर के आपको एक पल ( Dekh loon jee bhar ke aapko ek pal )     देख लूँ जी भरके आपको एक पल! ए सनम पास बैठे रहो एक पल   चैन दिल को मिलेगा चले जाने फ़िर  प्यार की आओ बातें करो एक पल   गीत उल्फ़त के ही गायेगे…

सावन आया उमड़ घुमड़

सावन आया उमड़ घुमड़ | Geet

सावन आया उमड़ घुमड़ ( Sawan aya umad ghumad )   बरस रही है राष्ट्रधारा, सावन उमड़ा आता। रिमझिम रिमझिम मेघा बरसे, उर आनंद समाता   काली बदरिया उमड़ घुमड़, घूम घूम घिर आये। हरियाली से भरी धरा, सबको सावन भाये।   झूम झूम मस्ती में गाते, सब मिलकर नया तराना। मंद मंद बहारें बहती,…

कजरी 'सावन'

कजरी सावन | Sawn Par Kavita

कजरी ‘सावन’ ( Kajari savan )   अबकी सावन में हमै चाही चीज मनमानी सैंया। बरसइ रिमझिम पानी सैया, सबदिन कहां जवानी सैंया ना।। सासु ससुर तीरथ यात्रा पर चार महीने डटे रहें। ननद रहे ससुराल में अपने जेठ भी घर से हटे रहें। पास पड़ोसी घर न आवै दूर-दूर ही कटे रहें। नदी नार…

बचपन के दिन

बचपन के दिन | kavita

बचपन के दिन ( Bachapan ke din ) पलकों  पे  अधरों  को  रख कर, थपकी देत सुलाय। नही रहे अब दिन बचपन के, अब मुझे नींद न आय।   सपने  जल गए भस्म बन गई, अब रोए ना मुस्काए, लौंटा दो कोई  बचपन के दिय, अब ना पीड़ सहाय।   किससे मन की बात कहे,…

क्रांतिवीर

क्रांतिवीर | Kranti Diwas Par Kavita

क्रांतिवीर ( क्रांति दिवस पर अमर शहीदों के जज्बातों को सादर वंदन )   है हिमालय सा हौसला, सागर सी गहराई है। क्रांति काल में वीरों ने, प्राणों की भेंट चढ़ाई है। हंसते-हंसते झूल गए, वो क्रांतिवीर कमाल हुए। राजगुरु सुखदेव भगतसिंह, भारत मां के लाल हुए।   आजादी का दीवाना, वो जिद पर अड़…

Kallu ki insaniyat

कल्लू की इंसानियत | Hindi Kahani

कल्लू की इंसानियत ( Kallu ki insaniyat ) इक पड़ोसी ने दूसरे पड़ोसी से कहा ये जो नया पड़ोसी कल्लू आया है एकदम खराब है यह अच्छा इंसान नहीं है, यह सुनकर दूसरे पड़ोसी ने तीसरे से कहा ये जो नया पड़ोसी आया है बहुत खराब है । तीसरे ने चौथे से कहा, चौथे ने…