जामुन

जामुन | Jaamun Par Kavita

जामुन  ( Jaamun )   देखो काली-काली जामुन  भाए डाली डाली जामुन l  कुछ पक्की कुछ कच्ची जामुन  कुछ मीठी कुछ खट्टी जामुन l  गुच्छे में खूब लटक रही है बच्चों को खूब खटक रही है l कुछ काली कुछ लाल हरी लेकिन जामुन खूब फरी  l बच्चे चढ़कर तोड़ रहे हैं कुछ बीन रहे…

ईश वन्दना

ईश वन्दना | Ish Vandana

ईश वन्दना ( Ish Vandana )   कमल पुष्प अर्पित करना, शिव शम्भू तेरे साथ रहे। इस त्रिभुवन के अरिहंता का,सम्मान हृदय में बना रहे। आँखों के मध्य पुतलियों में, भगवान हमेशा बने रहे, हो दशों दिशा मे नाम सदा, जयकार हमेशा बना रहे।   विघ्नहरण गणपति की स्तुति, जो है तारणहार। सदा भवानी दाहिने…

आदत

आदत | Aadat Kavita

आदत ( Aadat )   मीठा मीठा बोल कर घट तुला तोलकर वाणी  मधुरता  घोल  फिर मुख खोलिए   प्रतिभा छिपाना मत पर घर जाना मत सत्कार मेहमानों का हो आदत डालिए   प्रातः काल वंदन हो शुभ अभिनंदन हो सेवा  कर्म  जीवन  में  आदत  बनाइए   रूठे को मना लो आज करना है शुभ…

Janm leti hai ghazal

जन्म लेती है ग़ज़ल तो शायरी की कोख से | Ghazal

जन्म लेती है ग़ज़ल तो शायरी की कोख से ( Janm leti hai ghazal to shayari ki kokh se )     जन्म लेती है ग़ज़ल तो शाइरी की कोख से जिंदगी मिलती है जैसे जिंदगी की  कोख से   देखिए वरना अमीरी कब पड़फती है भूखी भूख की आहें उठती है मुफ़लिसी की कोख…

जंगल

जंगल | Jungle par kavita

जंगल ( Jungle )   कुदरत का उपहार वन जन जीवन आधार वन जंगल धरा का श्रृंगार हरियाली बहार वन   बेजुबानों का ठौर ठिकाना संपदा का खूब खजाना प्रकृति मुस्कुराती मिलती नदी पर्वत अंबर को जाना   फल फूल मेंवे मिल जाते नाना औषधि हम पाते वन लकड़ी चंदन देते हैं जीव आश्रय पा…

सौंदर्य | Saundarya Kavita

सौंदर्य | Saundarya Kavita

सौंदर्य ( Saundarya )   सौन्दर्य समाहित ना होता, तेरा मेरे अब छंदों में। छलके गागर के जल जैसा, ये रूप तेरा छंदों से। कितना भी बांध लूं गजलों मे,कुछ अंश छूट जाता है, मैं लिखू कहानी यौवन पे, तू पूर्ण नही छंदों में।   रस रंग मालती पुष्प लता,जिसका सुगंध मनमोहिनी सा। कचनार कली…

काव्य कलश

काव्य कलश | Kavya Kalash Kavita

काव्य कलश ( Kavya Kalash )   अनकहे अल्फाज मेरे कुछ बात कुछ जज्बात काव्य धारा बहे अविरल काव्य सरिता दिन रात काव्यांकुर नित नूतन सृजन कलमकार सब करते साहित्य रचना रचकर कवि काव्य कलश भरते कविता दर्पण में काव्य मधुरम साहित्य झलकता साहित्य सौरभ से कविता का शब्द शब्द महकता आखर आखर मोती बनकर…

उसकी न जाने क्यूँ दिल से याद नहीं जाती

उसकी न जाने क्यूँ दिल से याद नहीं जाती | Ghazal

उसकी न जाने क्यूँ दिल से याद नहीं जाती ( Uski na jane kyon dil se yad nahi jati )   उसकी न जाने क्यूँ दिल से याद नहीं जाती ग़म की जिंदगी से ही बरसात नहीं जाती   दिल से भुला दें उसको रब जो न बना मेरा यादों भरी अब तो काटी रात…

शैतान चूहे

शैतान चूहे | Bal Sahitya

शैतान चूहे ( Shaitan choohe  )   चूहें होते हैं बड़े ही शैतान चीं-चीं चूँ-चूँ कर शोर मचाते इधर-उधर उछल-कूद कर हरदम करते सबको परेशान । छोटे-छोटे हाथ पैरों वाले नुकीले धारदार दाँतों वाले बहुत कम बालों वाली इनकी मूँछ सपोले जैसी छरहरी होती पूँछ । वैसे तो गहरे बिलों में होता इनका घर पर…

कवि सत्य बोलेगा

कवि सत्य बोलेगा | Kavita

कवि सत्य बोलेगा ( Kavi satya bolega )   देश की शान पर लिखता देश की आन पर लिखता देशभक्ति  दीप  जला  राष्ट्र  उत्थान पर लिखता आंधी  हो  चाहे तूफान लेखक कभी ना डोलेगा सिंहासन जब जब डगमगाए कवि सत्य बोलेगा   झलकता प्यार शब्दों में बहती काव्य अविरल धारा लेखनी  रोशन करे कमाल जग…