तेरी दहलीज पर पापा | Teri Dehleez Par Papa

तेरी दहलीज पर पापा   तेरी दहलीज पर पापा दो दिन का ठिकाना है।इसी में हंस लूँ,मुस्कुरा लूँ, यही विधि और विधान है।जिसने प्रेम से पाला पोसा वही हमारी...

जिन्हें ज़िन्दगी हम बनाने लगे थे | Ghazal Jinhen Zindagi

जिन्हें ज़िन्दगी हम बनाने लगे थे ( Jinhen zindagi hum banane lage the )   वो ख्वाबों की दुनिया सजाने लगे थे हमें देखने आने जाने लगे...

वही खत वही दीवानगी चाहिए

वही खत वही दीवानगी चाहिए वही खत वही दीवानगी चाहिए दोस्त बचपन का वह सादगी भरी जिंदगानी चाहिए खेल सकुं गुल्ली डंडा, छुपन छुपाई, गुड्डे गुड़ियों के...

दर्पण | Laghu Katha Darpan

"मालिक, आप दर्पण क्यों देखते हैं ॽ" रामू ने साहस करते हुए अपने मालिक से पूछा। "संवरने के लिए।" मालिक ने कहा। "संवरती तो नारी है,...

शब्दाक्षर राजस्थान प्रदेश इकाई के अध्यक्ष डाॅ दयाशंकर जांगिड की कार्यकारिणी...

शेखावाटी के प्रसिद्ध सेवा के लिए समर्पित वरिष्ठ चिकित्सक डाॅ दयाशंकर जांगिड को ‘‘शब्दाक्षर’’ राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह ने...

काव्य से बुद्धत्व की ओर : साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश पाठमंच...

"बुद्ध मानव की सर्वोत्कृष्ट विशुद्ध अवस्था का सुंदर चित्रण "... डॉ. कौशल किशोर "काव्य से बुद्ध की ओर" पहुंचा समाज का प्रबुद्धपाठमंच का साहित्यिक...

जीना मरना | Kavita Jeena Marna

जीना मरना ( Jeena Marna )   घुट घुट कर जीने से मरना बेहत्तर घुटने टेक कर जीने से मरना बेहत्तरअकेले आये हो आज़ाद बन कर जीना ग़ुलाम...

सदी बन जाइए | Ghazal Sadi Ban Jaaiye

सदी बन जाइए ( Sadi Ban Jaaiye )   आप इक इतिहास इक युग इक सदी बन जाइए बात यह सबसे बड़ी है आदमी बन जाइए बह रहे जो...

हे राम तुम्हारे भारत में

हे राम तुम्हारे भारत में मर्यादा का अंत हो रहा कैसा ये षड्यंत्र हो रहा ! जाति-धर्म मजहब में बंटकर मानवता का अंत हो रहा!! दुर्जन का उत्थान हों...

मन | Kavita Man

मन ( Man )   मत पूछो ये चंचल मन , भला कहां कहां तक जाएं कभी पुरानी यादों में झांके, कभी कही यूहीं खो जाएं ।। कभी अकेला ही...